देश के नामी एयरपोर्ट जिले में बढ़े छेड़खानी के मामले, पढ़िए- पूरी खबर
एयरपोर्ट जिले में 2017 के मुकाबले 2018 में कुल अपराध में कमी आई है, लेकिन महिलाओं से छेड़छाड़ और टर्मिनल बिल्डिंग में अवैध प्रवेश के मामले बढ़ने से चिंता भी होती है।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) हवाईअड्डा देश का सबसे व्यस्ततम व विश्व के सर्वश्रेष्ठ एयरपोर्ट में से एक है। यहां से रोजाना बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी आते-जाते हैं, जिससे एयरपोर्ट पर अपराध की छोटी सी वारदात भी देश की छवि को प्रभावित करती है। लिहाजा, यहां चुस्त पुलिसिंग अति आवश्यक है। अपराध की दृष्टि से तो यह राहत की बात है कि एयरपोर्ट जिले में 2017 के मुकाबले 2018 में कुल अपराध में कमी आई है, लेकिन महिलाओं से छेड़छाड़ और टर्मिनल बिल्डिंग में अवैध प्रवेश के मामले बढ़ने से चिंता भी होती है।
मालूम हो कि आइजीआइ एयरपोर्ट इंडिया का गेटवे बन चुका है। यहां से रोजाना 53 विदेशी और 11 घरेलू एयरलाइंस अपनी सेवा देती हैं। इनके विमानों का संचालन विश्वभर के 141 गंतव्य के लिए किया जाता है। वहीं प्रतिदिन एयरपोर्ट से करीब 12 सौ विमानों का संचालन होता है, जिनसे करीब ढाई लाख यात्री रोजाना सफर करते हैं। ऐसे में यहां अपराध पर नियंत्रण आइजीआइ जिला पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है।
एयरपोर्ट जिला पुलिस के आकड़े के मुताबिक, 2017 में एयरपोर्ट पर हत्या, दुष्कर्म, चोरी, धोखाधड़ी सहित छेड़छाड़ आदि के कुल 640 मुकदमे दर्ज हुए थे। जबकि, 2018 में दर्ज कुल अपराध की संख्या 623 रही। 2017 में जहां बैग से सामान व अन्य चोरी की 238 वारदात हुई थीं, वहीं 2018 में 221 घटनाएं हुई। धोखाधड़ी और वाहन चोरी की घटनाएं भी घटी हैं। हालांकि, एयरपोर्ट जिले में पहले के मुकाबले गत वर्ष महिला यात्रियों से छेड़छाड़ और अश्लील हरकत के सात मुकदमे ज्यादा दर्ज किए गए। टर्मिनल बिल्डिंग में अवैध प्रवेश के भी 60 मामले अधिक हुए।
संजय भाटिया (पुलिस उपायुक्त, आइजीआइ एयरपोर्ट) का कहना है कि एयरपोर्ट को अपराधमुक्त एरिया बनाने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है। 2018 में पुलिस ने एयरपोर्ट पर फैसिलिटेशन कियोस्क शुरू किया। साथ ही प्रहरी योजना के तहत एयरपोर्ट पर कार्यरत 600 निजी सुरक्षा गार्डों और चौकीदारों को प्रशिक्षित किया। वहीं, एयरपोर्ट से चलने वाली टैक्सी को क्यूआर कोड से जोड़ने के साथ ही जगह-जगह जागरूकता बोर्ड लगवाए गए। अपराध और अपराधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस तकनीक का बेहतर उपयोग कर रही है।