'Har Ghar Tiranga' अभियान के बाद सम्मान के साथ नष्ट किए जाएंगे झंडे, MCD ने दिल्ली वालों से की अपील
Independence Day 2022 तिरंगा अभियान खत्म होने के बाद झंडे का अपमान न हो इसके लिए एमसीडी ने अपने क्षेत्रीय कार्यलयों में कंट्रोल रूम बनाया है। एमसीडी ने दिल्ली के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह क्षेत्र के स्वच्छता निरीक्षक की मदद से तिरंगा जमा कर सकते हैं।
नई दिल्ली, एजेंसी। देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से हर घर तिरंगा अभियान का आव्हान किया था। 13 से 15 अगस्त के बीच इस अभियान में दिल्ली वाले भी बढ़-चढ़ कर शामिल हुए और अपने घरों में तिरंगा फहराया। मगर अभियान के बाद क्षतिग्रस्त या गंदे हो चुके तिरंगे का अपमान न हो, इसके लिए दिल्ली नगर निगम (MCD) और निवासी कल्याण संघ (RWAs) संयुक्त रूप से इनके निपटारे का कार्यक्रम चलाएगी।
तिरंगे के लिए एमसीडी ने बनाए कंट्रोल रूम
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के प्रावधानों का पालन करते हुए प्रत्येक फटे, क्षतिग्रस्त, अव्यवस्थित या गंदे झंडे को गरिमा और सम्मान के साथ ठीक से निपटाया जाएगा। दिल्ली के नागरिकों को दिक्कत न हो इसके लिए एमसीडी ने प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यलयों में कंट्रोल रूम बनाया है। एमसीडी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने क्षेत्र के स्वच्छता निरीक्षक की मदद से लोग तिरंगा जमा कर सकते हैं। ताकि ध्वज संहिता 2002 के प्रावधानों का अच्छे से पालन हो सके।
लोगों को मिले 20 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज
संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, 12 अगस्त तक 20 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज लोगों को उपलब्ध कराए गए थे।राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को बरकरार रखने के लिए आवासीय कल्याण संघों (RWAs) का एक शीर्ष निकाय - यूनाइटेड रेजिडेंट्स जॉइंट एक्शन ऑफ दिल्ली (URJA) भी स्वच्छता कार्य्रकम में नगर निगम की सहायता करेगा।
एमसीडी ने बताया प्लान
URJA ने प्रत्येक आरडब्ल्यूए से अनुरोध करते हुए कहा कि यदि संभव हो तो इस्तेमाल किए गए तिरंगे को कागज या कपड़े में लपेट कर रख दें और जब एक महीने में कार्यालय में बहुत झंडे एकत्रित हो जाएंगे तो सोमवार से शनिवार सुबह 9 से शाम 6 बजे के बीच 9205192511 पर कॉल कर पिक-अप शेड्यूल कर सकते हैं।
इसके बाद एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) एक तारीख और समय निर्धारित करेगा। झंडों को उठाने का बाद ऊर्जा को इसकी जानकारी देगा। अंतत: झंडों को एमसीडी को सौंप दिया जाएगा जो ध्वज संहिता के अनुसार झंडों का निस्तारण करेगी।