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मिड-डे मील की गड़बड़ियों को रोकने की एक और कवायद

सरकार एक नई प्रणाली तैयार करने में जुटी है। माना जा रहा है कि इस पारदर्शी व्यवस्था पर सरकार जल्द ही अमल शुरु कर देगी।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 09:58 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 12:38 AM (IST)
मिड-डे मील की गड़बड़ियों को रोकने की एक और कवायद

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों में बच्चों को मिलने वाले दोपहर के खाने (मिड-डे मील) की गुणवत्ता की शिकायतों से परेशान सरकार अब इस पूरी व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त और पारदर्शी बनाने में जुटी है। इसके तहत स्कूलों को बच्चों को हर दिन परोसे जाने वाले खाने का अब ब्योरा देना होगा। जो ऑनलाइन रहेगा। इसके जरिए कोई भी कभी भी इसकी औचक जांच कर सकेगा। इसे लेकर सरकार एक नई प्रणाली तैयार करने में जुटी है। माना जा रहा है कि इस पारदर्शी व्यवस्था पर सरकार जल्द ही अमल शुरु कर देगी।

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सरकार की यह कवायद इस लिहाज से भी अहम है, क्योंकि मौजूदा समय में स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले खाने का मेन्यू तो तय है, लेकिन मेन्यू के तहत बच्चों को खाना दिया गया या नहीं, इसकी निगरानी की कोई व्यवस्था अब तक नहीं है। मिड-डे मील योजना से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बाकी योजनाओं की तरह इस योजना की भी हाईटेक तकनीक से निगरानी करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इसके तहत स्कूलों से बच्चों को परोसे जाने वाले हर दिन के खाने का ब्यौरा लिया जाएगा। हालांकि इसे लेकर सरकार ने पहले भी कई अहम कदम उठाए थे। इनमें अभिभावकों की भी एक कमेटी गठित की गई थी, जो सभी राज्यों में कारगर नहीं हो पायी है।

मौजूदा व्यवस्था के तहत स्कूलों की ओर से अभी बच्चों की उपस्थिति का ही ब्योरा भेजा जाता है। हालांकि यह भी पहले तीन-तीन महीने में स्कूलों की ओर से दिया जाता था, लेकिन इसमें गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सरकार ने स्कूलों से इसे हर महीने लेना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि बच्चों के खाने की इस योजना पर सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में करीब साढ़े दस हजार करोड़ की राशि का प्रावधन कर रखा है। जिसमें करीब 12 करोड़ बच्चों को स्कूलों में पौष्टिक और गर्म खाना देने की व्यवस्था है। 

खाने के साथ साफ पानी भी देने की तैयारी
स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को खाने के साथ साफ पानी देने की भी योजना पर सरकार काम कर रही है। नीति आयोग के साथ इसे लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने चर्चा भी की है। मौजूदा समय में स्कूलों में साफ पानी की उपलब्धता भी एक बड़ी चुनौती है। ज्यादातर स्कूलों में आस-पास की नदी, तालाब या कुओं का पानी ही बच्चे पीते है।

स्कूलों को मिलने वाले उपहार का भी देना होगा ब्योरा
सरकार इससे साथ ही स्कूलों में बच्चों को दिए जाने तिथि भोजन को लेकर भी खास दिशा-निर्देश दिया है। जिसमें स्कूलों को आम लोगों की ओर से उपहार के रूप में मिलने वाली खाद्य सामग्रियों का ब्योरा तैयार करने को कहा है। सरकार ने यह पहल तब की है, जब देश भर में बच्चों को बेहतर पोषणयुक्त खाना उपलब्ध कराने के लिए पोषण अभियान चलाया जा रहा है। 


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