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आम्रपाली फॉरेंसिक ऑडिटः खरीदारों से हमेशा ज्यादा पैसा लिया, कस्टडी में रहेंगे निदेशक

SC ने निदेशकों की घर जाने और परिजनों से मिलने की मांग ठुकराई। ऑडिटर्स ने रिपोर्ट दाखिल कर कहा, आम्रपाली ने परियोजना पर आने वाले खर्च से हमेशा ज्यादा पैसा होम बायर्स से लिया है।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 26 Oct 2018 10:50 PM (IST)Updated: Fri, 26 Oct 2018 10:50 PM (IST)
आम्रपाली फॉरेंसिक ऑडिटः खरीदारों से हमेशा ज्यादा पैसा लिया, कस्टडी में रहेंगे निदेशक

नई दिल्ली, जेएनएन। पिछले पन्द्रह दिनों से घर परिवार से दूर पुलिस निगरानी में रह कर फॉरेंसिक ऑडिटर्स को दस्तावेज मुहैया करा रहे आम्रपाली के तीनों निदेशकों को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत नही मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर साफ कर दिया कि जबतक तीनों निदेशक फॉरेंसिक ऑडिटर्स को एक-एक दस्तावेज नहीं सौंप देते और आडिटर्स उनका मिलान कर संतुष्ट नहीं हो जाते, तब तक तीनों को घर नहीं भेजा जाएगा और न ही परिजनों से मिलने की इजाजत होगी।

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इसके अलावा कोर्ट ने बैंकों को आदेश दिया है कि वे मंगलवार तक आम्रपाली की सभी 46 कंपनियों और उसके 92 निदेशकों के बैंक खातों के स्टेटेमेंट और ब्योरा मुहैया कराएं। कोर्ट मामले पर बुधवार को फिर सुनवाई करेगा।

उधर दूसरी ओर फॉरेंसिक ऑडिटर्स ने सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट दाखिल कर आरोप लगाया है कि आम्रपाली ने हमेशा होम बायर्स से ज्यादा पैसा लिया है। परियोजना पर आने वाले खर्च और जमीन की कीमत व रेंट के लिए नोएडा प्राधिकरण को दी जाने वाली देनदारियों से ज्यादा पैसा होम बायर्स से लिया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आम्रपाली ने होम बायर्स से लिया गया पैसा दूसरी कंपनियों में स्थानांतरित किया।

शुक्रवार को मामले की सुनवाई कर ही न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ के समक्ष जब आम्रपाली की ओर से पेश वकील गीता लूथरा ने पुलिस निगरानी में रह रहे तीनों निदेशकों को घर जाने की इजाजत और परिवार वालों से मिलने की अनुमति मांगी तो जस्टिस मिश्रा ने साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जबतक ये लोग एक-एक दस्तावेज फॉरेंसिक ऑडिटर्स को नहीं सौंप देते और ऑडिटर्स उसे मिला कर ओके नहीं कर देते, तब तक इन्हें घर नहीं भेजा जा सकता। अब ये निदेशकों पर निर्भर है कि ये कितनी जल्दी दस्तावेज सौंपते हैं।

पेश हुए आम्रपाली के सीएफओ

सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश के अनुपालन में आम्रपाली कंपनियों के चीफ फाइनेंस आफीसर (सीएफओ) चंद्र वाधवा शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट मे पेश हुए। फॉरेंसिक ऑडिटर्स ने उन पर सवालों के जवाब न देने और याददाश्त खराब होने का बहाना बनाने का आरोप लगाया था। दूसरी ओर होम बायर्स के वकील एमएल लाहौती ने भी कोर्ट को बताया कि वाधवा लंदन में भी आम्रपाली की एक कंपनी के निदेशक हैं। इस बात की जानकारी इन लोगों ने कोर्ट को नहीं दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने सीएफओ को दी चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट ने वाधवा से बहुत से सवाल किये और चेतावनी देते हुए कहा कि आप बार बार बयान बदल रहें हैं। गंभीरता के साथ सचेत होकर बात करें। ये सुप्रीम कोर्ट है। यहां सब कुछ रिकार्ड पर लिया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि आपने सारे दस्तावेज फॉरेंसिक ऑडिटर्स को क्यों नहीं दिये। कोर्ट ने वाधवा को तीन दिन के भीतर सारे दस्तावेज मुहैया कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आगाह किया कि अगर उन्होंने तय समय में रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया तो वे परिणाम भुगतने को तैयार रहें।

आम्रपाली के ऑडिटर्स को भी लगाई फटकार

आम्रपाली कंपनी के दोनों आडिटरों अनिल मित्तल और रवि कपूर को भी सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन के भीतर सारे दस्तावेज फारेंसिक आडिटर्स को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने साफ किया कि अगर दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए तो उनके खिलाफ प्रोफेशनल मिस कंडक्ट के अलावा सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।


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