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कोरोना को लेकर देशभर में 'जनता कर्फ्यू' आज, मनोचिकित्सक की सलाह; इस तरह बिताएं अपना दिन

Janata curfew Updates कोरोना के बहाने यह जनता कर्फ्यू के दिन परिवारिक रिश्तों के साथ-साथ फोन के जरिये रिश्तेदारों व दोस्तों से जुड़ कर भावनात्मक रिश्तों को मजबूत करने का अवसर है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 12:13 AM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 05:11 AM (IST)
कोरोना को लेकर देशभर में 'जनता कर्फ्यू' आज, मनोचिकित्सक की सलाह; इस तरह बिताएं अपना दिन
कोरोना को लेकर देशभर में 'जनता कर्फ्यू' आज, मनोचिकित्सक की सलाह; इस तरह बिताएं अपना दिन

रणविजय सिंह, नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए रविवार को घोषित जनता कर्फ्यू को मजबूरी की तरह न लें। भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच लोग पेशे व व्यवसाय के बीच इंटरनेट, सोशल मीडिया इत्यादि पर निर्भर हो कर रह गए हैं। परिवार के लोगों के बीच भी संवाद कम हो गया है। एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. नंद कुमार ने कहा कि कोरोना के बहाने यह जनता कर्फ्यू के दिन परिवारिक रिश्तों के साथ-साथ फोन के जरिये रिश्तेदारों व दोस्तों से जुड़ कर भावनात्मक रिश्तों को मजबूत करने का अवसर है।

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उन्होंने घर में रहने को लेकर सभी आयु वर्ग के लिए अलग-अलग सलाह दी। सभी आयु वर्ग के लिए साथ रहने का अवसर, मां- बाप, दादा-दादी, पति-पत्नी, बच्चे सभी आपस में खूब बातें करें। महानगरों में दिनचर्या-सुबह जाओ, शाम को थके हुए घर आओ। यहां 10 से 12 घंटे भी लोग ड्यूटी करते हैं। इसलिए परिवारिक जुड़ाव को दोबारा जीवंत करने का मौका।

कौन क्या करे

बच्चे

-पेंटिग्स व ड्राइंग करें। म्यूजिक में दिलचस्पी है तो गीत संगीत, डांस कर सकते हैं।

-घर में दो-तीन बच्चे हैं तो लूडो, कैरम जैसे इंडोर खेल खेलें

-बच्चे मोबाइल पर वीडियो देखें, यह ठीक नहीं है। इससे चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।

-मां-पिता या दादा-दादी के साथ बैठकर टीवी देख सकते हैं। 

 

बड़े लोग

-बच्चों का ध्यान रखें, उनके साथ घर में ही खेलें। घर के बुजुर्गों का ध्यान रखें।

-बच्चों के पढ़ते समय उनके साथ बैठें। उनसे उनके स्कूल, दोस्तों के बारे में बात करें।

बुजुर्ग

-पुराने गानों को सुन सकते हैं। फिल्में भी देख सकते हैं।

-बच्चों के साथ खेलने, उन्हें कहानी सुनाने के अलावा पूजापाठ व धार्मिक कार्यों में मन लगा सकते हैं।

-गीता, रामायण, कुरान या बाइबिल पढ़ें। रुचि के अनुसार साहित्यिक, आर्थिक या प्रेरणादायक किताबें भी पढ़ सकते हैं।

-बच्चों के लिए दुआ कर लें। यह हमारी संस्कृति का हिस्सा भी है। 

महिलाएं

-घर में अच्छा खाना बनाकर खाने का समय है। हो सके तो पति-पत्नी मिलकर तैयार करें।

-परिवार के सदस्यों के साथ बैठे, उनसे खूब बातें करें।

- कामकाजी महिलाओं को बच्चों से बात करने का ज्यादा समय नहीं मिल

पाता। यह उनके लिए बेहतर मौका है।

लाइट योग व 

-यह समय सांस से जुड़ी बीमारियों के योग व ध्यान के लिए सबसे अच्छा समय है। 

-अनुलोम विलाम, कपालभाती जैसे योग कर सकते हैं।

-बच्चों को भी योग के बारे में बताएं।

रोल प्ले व अंताक्षरी

मनोरंजन के लिए विभिन्न रोल प्ले भी कर सकते हैं। इसलिए इस मौके को भावनात्मक जुड़ाव के लिए इस्तेमाल करें। जो भी पुरानी चीजें है चाहे अंताक्षरी ही क्यों न हो। इससे अलग मजा आएगा। 

फोन पर रिश्तेदारों से करें बात

फोन पर रिश्तेदारों, दोस्तों व पड़ोसियों का हालचाल लें। यह फिजिकल डिस्टेंसिंग (शारीरिक दूरी) के बीच सोशल कनेक्टिंग का समय है। 

घर में हैं तो ज्यादा खतरा नहीं

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के निर्देशानुसार कोरोना से बचाव के लिए हर 20 मिनट पर 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोना जरूरी है। यदि घर में हैं तो इतनी जल्दी जल्दी हाथ धोने की जरूरत नहीं है क्योंकि घर में खतरा ज्यादा नहीं है। यदि किसी काम से बाहर जाना पड़े तो घर आने पर चप्पल बाहर निकाल दें। हाथ सैनिटाइज करने के बाद घर में प्रवेश करें और फिर हाथ साबुन से जरूर धोएं।


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