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इस बार गणतंत्र दिवस देखने से चूके तो रह जाएगा अफसोस, पहली बार दिखाई देगा बहुत कुछ

राजपथ पर इस बार काफी कुछ पहली बार हो रहा है। यही वजह है कि इस गणतंत्र दिवस समारोह बेहद खास है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 05:07 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jan 2019 10:33 AM (IST)
इस बार गणतंत्र दिवस देखने से चूके तो रह जाएगा अफसोस, पहली बार दिखाई देगा बहुत कुछ

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। 70वें गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर निकलने वाली परेड में काफी कुछ खास हो रहा है। इस बार इस परेड को देखने वालों को बिल्‍कुल नई अनुभूति होनी तय है। कुछ चीजें पहली बार दिखाई दे रही हैं। आइए एक नजर गणतंत्र दिवस परेड से जुड़ी खास बातों पर नजर डाल लेते हैं। 

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  • गणतंत्र दिवस में परेड में इस बार जहां वुमेन पावर राजपथ पर दिखाई दी।
  • पहली बार फ्लाइपास्‍ट में शामिल है बायोफ्यूल एयरक्राफ्ट।
  • राजपथ पर पहली बार सुनाई दी सेना की बजाई इंडियन मार्शल धुन। इसका नाम शंखनाद है। सिख लाइट इंफ्रैंटी, महार रेजिमेंट और लद्दाख स्काउट्स के सामूहिक सैन्य बैंड यह मार्शल ट्यून बजाई। शंखनाद आजाद भारत की पहली मूल मार्शल ट्यून है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित है। शंखनाद की संगीत रचना तीन पारंपरिक रागों का संयोजन है-राग बिलसखनी तोडी, राग भैरवी और राग किरवानी।शंखनाद के शब्द महार रेजिमेंट में रहे ब्रिगेडियर विवेक सोहल (रिटायर्ड) की कविता के हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत की प्रफेसर तनुजा नाफडे ने धुन तैयार की है।
  • राजपथ पर पहली बार दिखाई दिए इंडियन नैशनल आर्मी के चार पूर्व सैनिक। इन सभी की उम्र 90 से अधिक है। इनके नाम परमानंद यादव, हीरालाल, लालती राम और भागलमल हैं। 
  • इस बार भारतीय सेना में अपने नए हथियार और इक्विपमेंट को भी डिस्प्ले किया। इसमें हाल ही में सेना में शामिल एम-777 होवित्जर और भारत में बनी के-9 वज्रा आर्टिलरी गन शामिल है। के-9 वज्र तोप को लार्सन और टूब्रो ने बनाया है।
  • सर्फेस माइन क्लियरिंग सिस्टम और मिडियम रेंज जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल और अर्जुन आर्मर्ड रिकवरी और रिपेयर व्‍हीकल भी पहली बार राजपथ पर दिखाई दी।  
  • 11 वर्षों के अंतराल के बाद इस बार एक बार फिर से सीआईएसएफ के जवान राजपथ पर दिखाई दिए। इसकी वजह ये कि इस बार महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंति मनाई जाएगी। दिल्‍ली स्थित महात्‍मा गांधी की समाधि की जिम्‍मेदारी सीआईएसएफ ही संभालती है। 
  • असम राइफल का महिला दस्‍ता ने इतिहास में पहली बार राजपथ पर देश की शान बढ़ाई। इसकी आर्मी सर्विस कोर के 144 महिला जवानों का नेतृत्‍व लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी ने किया।  
  • सेना के सिग्नल कोर की डेयरडेविल्स टीम में पहली बार एक महिला अधिकारी कैप्टन शिखा सुरभि भी शामिल हुईं। शिखा सुरभि ने राजपथ पर स्टंट दिखाते हुए महिला शक्ति का एहसास कराया। 
  • गोरखा ब्रिगेड भी पहली बार राजपथ पर दिखाई दिया। मौजूदा आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का संबंध भी इसी ब्रिगेड से है। सात अलग-अलग गोरखा रेजिमेंट को मिलाकर गोरखा ब्रिगेड बनती है।
  • पहली बार राजपथ पर महिला शशक्तिरण की पूरी झलक दिखाई दी। पहले की तुलना में इस बार महिला अधिकारियों की संख्‍या अधिक होगी। 
  • पहली बार इस बार राजपथ पर प्रवासी भारतीय भी शामिल हुए। 
  • सुरक्षा को चाकचौबंद बनाने के लिए इस पूरे इलाके की निगरानी को तीस हाईटेक कैमरे लगाए गए हैं। यह कैमरे फेस रिकॉगनिशन तकनीक से लैस हैं। यह सीधे कंट्रोल रूम से जुड़े हैं। संदिग्‍ध चेहरा नजर आते ही यह कैमरे न सिर्फ उसकी  लाइव फोटो भेज देंगे बि‍ल्कि सायरन भी बज उठेंगे।  

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