Corbevax Vaccine ने मार्केट में दी दस्तक, आज से लगा सकेंगे इसका टीका, कोरोना से लड़़ने में है कारगर
यह टीका 18 साल से अधिक उम्र के उन लोगों के लिए है जिन्होंने पहली और दूसरी डोज कोवैक्सीन या कोविशील्ड वैक्सीन का ले रखा है। यह शरीर में वायरस के खिलाफ एंडीबॉडी पैदा करने में कारगर है और पूरी तरह से सुरक्षित है। सरकार ने बुधवार इसे मंजूरी दी।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती रफ्तार पर लगाम कसने के लिए अब मार्केट में एहतियाती खुराक के रूप में कॉर्बेवक्स वैक्सीन भी आ गया जिसे वयस्क आज से लगा सकेंगे। बायोलॉजिकल ई के कॉर्बेवैक्स (Corbevax) को सरकार ने बुधवार को एहतियाती खुराक के रूप में मंजूरी दे दी थी और गुरुवार को 12 अगस्त से इसके शुरू होने का ऐलान किया था।
बूस्टर डोज के रूप में होगा इस्तेमाल
यह टीका 18 साल से अधिक उम्र के उन लोगों के लिए है जिन्होंने कोरोना के खिलाफ पहली और दूसरी डोज कोवैक्सीन या कोविशील्ड वैक्सीन का ले रखा है। अब वे बूस्टर डोज के रूप में कॉर्बेवैक्स का टीका लगा सकेंगे। यह पहली बार होगा जब कोविशील्ड या कोवैक्सीन की पहली और दूसरी खुराक लेने के बाद अब बूस्टर डोज (Booster Dose) के रूप में कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
सरकार ने बुधवार को दिखाई हरी झंडी
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने बुधवार देर शाम को ट्वीट कर जानकारी दी कि 12 अगस्त से यह वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने देश के वयस्क नागरिकों के लिए यह ऐलान करते हुए कहा कि यह टीका उन्हें लगाया जाएंगा, जिन्हें कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लिए हुए छह महीने या 26 सप्ताह हो चुके हैं।
DCGI ने पहले ही दे दी थी मंजूरी
कॉर्बेवैक्स को भले ही सरकार ने अब हरी झंडी दिखाई है लेकिन इसे भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने चार जून को ही मंजूरी दे दी थी। दरअसल, कोविड-19 कार्य समूह (CWG) ने 20 जुलाई की एक बैठक में इसके तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की जिसमें 18 से 80 वर्ष की आयु के उन लोगों का आकलन किया गया जो कोविड-19 निगेटिव हैं और जिन्होंने पहली दो खुराक कोविशील्ड या कोवैक्सीन की ली है। इसमें देखा गया क्या इन्हें कॉर्बेवैक्स का टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिया जा सकता है, इसे लगाने के बाद उनकी प्रतिरोधक क्षमता पर क्या असर पड़ेगा।
कोरोना के साथ लड़ने में असरदार
इसके नतीजे चौंकाने वाले रहे क्योंकि कॉर्बेवैक्स भी वायरस से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडी पैदा करता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित भी है।
गौरतलब है कि भारत के पहले स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट टीका कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल मौजूदा समय में कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 12 से 14 वर्ष आयु के बच्चों को लगाने के लिए किया जा रहा है। लेकिन अब बूस्टर डोज के रूप में बड़े भी इसे लगा सकेंगे।