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अगस्ता-वेस्टलैंड मामला: चार दिनों के लिए बढ़ाई गई क्रिश्चियन मिशेल की CBI रिमांड

सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) ने कोर्ट से क्रिश्चियन मिशेल की रिमांड बढ़ाने की मांग की है। सीबीआइ कागजातों और गवाहों का आरोपित मिशेल से आमना-सामना कराना चाहती है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 03:42 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 03:43 PM (IST)
अगस्ता-वेस्टलैंड मामला: चार दिनों के लिए बढ़ाई गई क्रिश्चियन मिशेल की CBI रिमांड
अगस्ता-वेस्टलैंड मामला: चार दिनों के लिए बढ़ाई गई क्रिश्चियन मिशेल की CBI रिमांड

नई दिल्ली, जेएनएन। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपित ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को शनिवार को पटियाला हाउस स्थित विशेष अदालत में पेश किया गया। सीबीआइ ने अदालत से पांच दिनों का रिमांड देने की अपील करते हुए कहा कि आरोपितों के बयानों का कुछ दस्तावेज से मिलान करना बेहद जरूरी है। इस पर अदालत ने सीबीआइ को चार दिनों के रिमांड की मंजूरी दी।

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मिशेल अब तक दो बार पांच-पांच दिनों की रिमांड पर रह चुका है। पटियाला हाउस की विशेष अदालत ने मिशेल को गत पांच दिसंबर को पांच दिनों के रिमांड पर भेजा था। इसके बाद फिर से पांच दिन के रिमांड पर भेजा गया था। मिशेल को चार दिसंबर को दुबई से लाया गया था। सीबीआइ ने पिछले साल सितंबर में इस घोटाले से संबंधित आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में क्रिश्चियन मिशेल के अलावा वायु सेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी सहित कई अन्य आरोपित नामजद हैं।

माना जा रहा है कि जांच एजेंसियों की पूछताछ में वह उन नेताओं और नौकरशाहों के नाम उगल सकता है जिन्हें 3600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के लिए कथित रूप से रिश्वत दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, मिशेल ने कुछ लोगो इस डील के दौरान घूस दी थी जिसके नाम उसने कोड वर्ड में लिखे थे उसका खुलासा वही कर सकता है। 

बता दें कि ईडी के दस्तावेज के मुताबिक, मिशेल को 12 हेलिकॉप्टर के समझौते को अपने पक्ष में कराने के लिए 225 करोड़ दिये गए। आरोप है कि यूपीए सरकार के दौरान 2010 में हुए इस डील का करार पाने के लिए एंग्लो-इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय राजनेताओं, रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, नौकरशाहों समेत वायुसेना के दूसरे अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए मिशेल को करीब 350 करोड़ रुपए दिए। इस सौदे में 2013 में घूसखोरी की बात सामने आने पर तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटोनी ने न केवल सौदा रद्द किया बल्कि सीबीआई जांच के आदेश भी दिए। 


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