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पराली के धुएं ने राजधानी में दी दस्तक, वायु प्रदूषण के स्तर में हो सकती है बढ़ोतरी, अलर्ट जारी

वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी सफर इंडिया ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है। साथ ही अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण के स्तर में वृद्धि की संभावना भी जताई है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 17 May 2019 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 10:05 PM (IST)
पराली के धुएं ने राजधानी में दी दस्तक, वायु प्रदूषण के स्तर में हो सकती है बढ़ोतरी, अलर्ट जारी
पराली के धुएं ने राजधानी में दी दस्तक, वायु प्रदूषण के स्तर में हो सकती है बढ़ोतरी, अलर्ट जारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ठंड के बाद पराली के जहरीले धुएं ने फिर से दिल्ली-एनसीआर में दस्तक दी है जिसके चलते शनिवार से प्रदूषण के स्तर में और बढ़ोतरी की संभावना है। वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी सफर इंडिया ने इसे लेकर अलर्ट जारी किया है। साथ ही अगले कुछ दिनों तक प्रदूषण के स्तर में वृद्धि की संभावना भी जताई है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के इस बढ़े स्तर के पीछे पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली (गेंहू की कटाई के बाद फसल का बचा डंठल वाला हिस्सा) है। खेतों को खाली करने की जल्दी में इसे पिछले कुछ दिनों से धड़ल्ले से जलाया जा रहा है।

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पराली को जलाए जाने की घटनाओं की खबर पर्यावरण मंत्रालय को पिछले कई दिनों से मिल रही थी। हालांकि इसके बाद मंत्रालय ने राज्यों को सतर्क करते हुए निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके पराली जलाने की घटनाओं में पूरी तरह से रोकथाम नहीं लग पायी। वायु प्रदूषण पर नजर रखने वाली एजेंसी सफर इंडिया के मुताबिक वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी का यह सिलसिला शुक्रवार से शुरू हुआ है।

इसके तहत शुक्रवार को पीएम 10 का स्तर अचानक बढ़कर 321 के स्तर पर पहुंच गया। जबकि गुरूवार को यह 180 के ही करीब था। रिपोर्ट के मुताबिक पीएम 10 का स्तर शनिवार को 353 तक पहुंचने का अनुमान है। जिसमें हवा की गुणवत्ता बेहद खराब मानी जाती है। इसके अलावा पीएम 2.5 में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। शुक्रवार शाम को यह जहां 103 के स्तर पर थी, वहीं शनिवार के इसके 113 स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। यह अनुमान इसलिए भी जताया जा रहा है कि हवाओं का रुख लगातार दिल्ली की ओर है, जिससे धुआं तेजी से पहुंच रहा है।

पराली के चलते वायु प्रदूषण के स्तर पर यह बढ़ोत्तरी उस समय देखी जा रही है, जब सरकार के स्तर पर इसे जलाए जाने से रोकने के लिए काफी जोर-शोर से काम किया गया है। पिछले दो सालों में सरकार इस पर करीब 12 सौ करोड़ खर्च कर चुकी है। इसके लिए पंजाब,हरियाणा और उत्तर प्रदेश को अच्छी मदद दी गई है। जिससे किसानों को पराली को खेतों में नष्ट करने के लिए मशीनें भी उपलब्ध कराई जा रही है।

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