भूमि अधिग्रहण विधेयक का समर्थन नहीं करेगी राकांपा
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनका दल वर्तमान स्वरूप में भूमि अधिग्रहण विधेयक का राज्यसभा में समर्थन नहीं करेगा। पार्टी की संगठनात्मक बैठक में हिस्सा लेने आए पवार ने यहां पत्रकारों को बताया कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर उनकी कई दलों से चर्चा हुई है। लोकसभा
मुंबई, राज्य ब्यूरो। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनका दल वर्तमान स्वरूप में भूमि अधिग्रहण विधेयक का राज्यसभा में समर्थन नहीं करेगा।
पार्टी की संगठनात्मक बैठक में हिस्सा लेने आए पवार ने यहां पत्रकारों को बताया कि भूमि अधिग्रहण विधेयक पर उनकी कई दलों से चर्चा हुई है। लोकसभा में सरकार भले ही इसे पारित करा ले, लेकिन राज्यसभा में तस्वीर दूसरी होगी। उच्च सदन में राकांपा इसके विरोध में मतदान करेगी।
पवार ने इस मुद्दे पर विरोधी दलों से बात करने के लिए अधिकृत केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के पत्र की भाषा शैली पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'मैं नितिन गडकरी को लंबे समय से जानता हूं। वह विनम्र व्यक्ति हैं, लेकिन उनकी ओर से विपक्षी दलों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि इस विधेयक का विरोध करने का अर्थ होगा कि आप विकास के कार्य एवं रक्षा परियोजनाएं नहीं चाहते।'
पवार के अनुसार, ऐसी भाषा विचार-विमर्श की नहीं हो सकती। लगता है कि अपने राजनीतिक आकाओं के निर्देश पर उन्होंने यह पत्र लिखा है, इसलिए मैंने कोई जवाब नहीं दिया।
पवार ने पिछले भूमि अधिग्रहण विधेयक को याद करते हुए कहा कि वह विधेयक उनकी अध्यक्षता वाली एक समिति ने तैयार किया था। उसमें तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज (लोकसभा) व अरुण जेटली (राज्यसभा) के सभी सुझावों को शामिल किया गया था। वह विधेयक सर्वसम्मति से पास हुआ था। अब उसको रद करने और संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ रही है। यही वजह है कि राकांपा वर्तमान स्वरूप में इस विधेयक का समर्थन नहीं करेगी।
पवार ने मोदी सरकार की प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यदि देश की 65 फीसद आबादी (किसान) की खरीदी शक्ति कमजोर पड़ेगी तो इसका नुकसान औद्योगिक क्षेत्र को भी उठाना पड़ेगा। पवार का मानना है कि भाजपा की लोकप्रियता तेजी से कम हो रही है।