छत्तीसगढ़ में चालक की सतर्कता से नाकाम हुई मालगाड़ी गिराने की नक्सली साजिश
दो दिसंबर से शुरू हो रहे नक्सलियों के पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी सप्ताह के पहले दक्षिण बस्तर के अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में नक्सलियों ने सक्रियता बढ़ा दी है। नक्सलियों ने रेलपटरी पर कांक्रीट का स्लीपर रखकर मालगाड़ी गिराने की कोशिश की।
जगदलपुर, राज्य ब्यूरो। दो दिसंबर से शुरू हो रहे नक्सलियों के पीपुल्स लिबरेशन गोरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) सप्ताह के पहले दक्षिण बस्तर के अपने प्रभाव वाले क्षेत्र में नक्सलियों ने सक्रियता बढ़ा दी है। रविवार रात किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन के किरंदुल रेलखंड के कमलूर-भांसी स्टेशनों के बीच रेलपटरी पर कांक्रीट का स्लीपर रखकर उन्होंने मालगाड़ी गिराने की कोशिश की, लेकिन चालक ने सतर्कता बरतते हुए समय रहते आपातकालीन ब्रेक लगाकर गाड़ी की रफ्तार धीमी कर ली। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया।
चालक ने सतर्कता से आपातकालीन ब्रेक लगाकर मालगाड़ी रोकी
मिली जानकारी के अनुसार रविवार रात करीब आठ बजे किरंदुल से लौह अयस्क भरकर विशाखापट्नम जा रही मालगाड़ी घटनास्थल से गुजर रही थी। इसी दौरान चालक की नजर रेल पटरी पर मार्ग निर्माण के उपयोग में आने वाले कांक्रीट स्लीपर पर पड़ी। उसने आनन-फानन में आपातकालीन ब्रेक लगाकर मालगाड़ी रोकी, बावजूद इंजन स्लीपर से टकरा गया। हालांकि मालगाड़ी की गति धीमी हो जाने से बोगियां सुरक्षित रहीं।
बता दें कि कमलूर-भांसी खंड नक्सल गतिविधियों के लिहाज से बीते डेढ़ दशक से अति संवेदनशील की श्रेणी में शामिल है। यहां नक्सलियों द्वारा अब तक दो दर्जन से अधिक मौकों पर रेलवे को निशाना बनाया जा चुका है। यह घटना ऐसे समय में सामने आई है, जब इसके कुछ घंटे पहले ही रविवार को यहां से 50 किमी दूर काकलूर-कुम्हारसोडरा के बीच रेललाइन दोहरीकरण कार्य का निरीक्षण कर कमिश्नर रेलवे सेफ्टी एके राय और वाल्टेयर रेलमंडल के प्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव लौटे थे। बता दें कि रविवार शाम छह बजे के आसपास नक्सली भांसी-दंतेवाड़ा के बीच गामावाड़ा में मुख्य मार्ग के बीचों-बीच बैनर बांधकर मार्ग बाधित करने की कोशिश कर चुके थे। इस घटना के दो घंटे बाद वहां से पांच किलोमीटर दूर रेलमार्ग पर स्लीपर रखकर मालगाड़ी गिराने की कोशिश का मामला भी सामने आया।