Chhattisgarh : नौ बड़े नक्सली नेताओं की मौत से टूटी नक्सलवाद की कमर, पर्चा जारी कर मानी बात
Naxals in Chhattisgarh दंडकारण्य समेत देशभर में तेजी से सिकुड़ रहा नक्सलवाद नौ बड़े नक्सली नेताओं की मौत के बाद और कमजोर हुआ है। पढ़ें यह ग्राउंड रिपोर्ट...
जगदलपुर, जेएनएन। दंडकारण्य समेत देशभर में तेजी से सिकुड़ रहा नक्सलवाद नौ बड़े नक्सली नेताओं की मौत के बाद और कमजोर हुआ है। बस्तर में साढ़े तीन दशक तक नक्सलवाद की कमान संभालने वाले रावुलू श्रीनिवास उर्फ रमन्ना की मौत के आठ महीने बाद भी नक्सली उसकी जगह नया नेता नहीं तलाश पाए हैं। रमन्ना दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सचिव और सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। उसकी मौत से बस्तर में नक्सल आंदोलन को बड़ा झटका लगा है। अन्य बड़े नक्सली नेताओं की मौत से संगठन में बिखराव संभव है।
शहीदी सप्ताह मनाने जा रहे नक्सली
नक्सली 28 जुलाई से मारे गए साथियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाने जा रहे हैं। इस मौके पर नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने पर्चा जारी कर यह स्वीकार किया है कि एक साल में देशभर में बीमारी, मुठभेड़ और कथित मुठभेड़ में उनके 105 साथी मारे गए हैं। इनमें बिहार-झारखंड के चार, दंडकारण्य के 67, आंध्र-ओडिशा बॉर्डर इलाके के 14, सेंट्रल रिजर्व कमेटी नंबर-दो का एक, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन के नौ और पश्चिमी घाट इलाके के चार नक्सली शामिल हैं।
नक्सलियों को बड़ा नुकसान
नक्सलियों ने साथियों की मौत से हुए नुकसान के क्रम में रमन्ना को सबसे ऊपर रखा है। सात दिसंबर को बीमारी के चलते उसकी मौत हुई थी। इसके बाद क्रमवार नक्सली नेताओं में पश्चिमी घाट (कर्नाटक-तमिलनाड़ु-केरल सीमा) के स्टेट जोनल कमेटी के सदस्य मणिवासगम (अप्पू, संदरेश) की मौत 28 अक्टूबर 2019 को मुठभेड़ में, पश्चिम बंग राज्य कमेटी के पूर्व सचिव सुदीप चोंगदार की मौत आठ फरवरी 2019 को जेल में सेरेब्रल मलेरिया से, महिला नक्सली नेता सृजना की मौत दो मई को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मुठभेड़ में हुई। इनके अलावा एमएमसी के मनिराम (सुखदेव), आंध्र ओडिशा बार्डर के राकेश, पश्चिमी घाट में गणेश व मनोहर, दंडकारण्य के अशोक उर्फ रैनू की मौत को भी नक्सलियों ने बड़ा नुकसान माना है।
11 साथियों का ब्यौरा नहीं
सालभर में एरिया कमेटी स्तर के 14 सदस्य, पीपुल्स लिबरेश गोरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के 38, जनताना सरकार के छह, जनक्रांतिकारी संगठन के आठ, जनमिलिशिया कमांडर 12 व क्रांतिकारी जनता संगठन के सात नक्सली मारे जा चुके हैं। 11 मृत नक्सलियों के बारे में सेंट्रल कमेटी को भी पूरा ब्यौरा नहीं मिला है।
डीजीपी बोले, स्थापित होगी शांति
छत्तीसगढ़ के डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि सुरक्षाबलों ने निरंतर दबाव बढ़ाया है। केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वय से नक्सली इलाके में बेहतर काम हो रहे हैं। लड़ाई के साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप विश्वास, सुरक्षा और विकास का माहौल तैयार किया जा रहा है। इससे आम जनता का नक्सलवाद से मोहभंग हो रहा है और नक्सली बिखर रहे हैं। जल्द ही दंडकारण्य समेत नक्सल प्रभावित सभी इलाकों में शांति स्थापित होगी।