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EXCLUSIVE: पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही पीछे पड़े हैं नक्सली!

नक्सलियों ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाने की पहली कोशिश तब की थी, जब वह नवंबर 2014 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का दौरा करने वाले थे।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 10:54 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 08:55 AM (IST)
EXCLUSIVE: पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही पीछे पड़े हैं नक्सली!
EXCLUSIVE: पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही पीछे पड़े हैं नक्सली!
मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी]। सत्ता में आने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नक्सलियों के निशाने पर हैं। नवंबर 2014 में भी नक्सलियों ने उन पर हमले की योजना बनाई थी। लेकिन उनका कूट संदेश सुरक्षा बलों द्वारा पकड़ लिए जाने से उनकी योजना विफल हो गई थी।

नक्सलियों ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाने की पहली कोशिश तब की थी, जब वह नवंबर 2014 में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का दौरा करने वाले थे। संयोग से एक नक्सली के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण से प्राप्त सनसनीखेज संदेश से उनकी योजना का पता चला और प्रधानमंत्री का दौरा पांच माह आगे बढ़ा दिया गया। सांकेतिक भाषा में लिखा यह संदेश जिस नक्सली के पकड़े जाने पर प्राप्त हुआ वह माओवादी प्रवक्ता गुडासा उसेंडी का करीबी था। उसेंडी ने कुछ समय बाद तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
Prime Minister Narendra Modi being presented a traditional Bison-Horn headgear of Maria Tribe by the Chief Minister of Chhattisgarh, Raman Singh at a public meeting in Dantewada (Photo: PTI)

संदेश में लिखा था, 'लाल सलाम कामरेड! एसएनसी टीम से मिली सूचना के अनुसार मोदी एक से पांच नवंबर के बीच दंतेवाड़ा का दौरा करने वाले हैं। इसलिए आपरेशन ग्रीन हंट में मारे जा चुके सैकड़ों क्रांतिकारियों का बदला लेने का अवसर आ गया है। हमें दबाने वाली सभी शक्तियों का वही हाल होगा, जो महेंद्र कर्मा का हुआ। टेकनर और गामवाड़ा के रास्ते पर प्लाटून तैयार करो। तगड़े असर की तैयारी करनी होगी। क्रांतिकारी संघर्ष जिंदाबाद!'
संदेश में कांग्रेसी नेता महेंद्र कर्मा का भी जिक्र उसी भांति किया गया है, जैसे पिछले दिनों दिल्ली से गिरफ्तार नक्सली रोना विल्सन के लैपटॉप से मिले संदेश में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र किया गया था।

बता दें कि महेंद्र कर्मा ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सलवा जुडूम संगठन बनाकर नक्सल आंदोलन को कमजोर करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। नक्सलियों ने 2013 में कांग्रेसी काफिले पर हमला कर महेंद्र कर्मा सहित 27 लोगों की हत्या कर दी थी।

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छत्तीसगढ़ में अप्रैल 2018 में प्रधानमंत्री मोदी के प्रवास से ठीक चार दिन पहले नक्सली हमले की एक और साजिश रच चुके हैं। प्रधानमंत्री की इस यात्रा से पहले हुए हमले में डिस्टि्रक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के दो जवान शहीद हुए थे और पांच बुरी तरह घायल हुए थे।

राजीव गांधी की शैली में कोई बड़ी घटना अंजाम देने की जिस चिट्ठी का जिक्र हाल ही में पुणे कोर्ट में सरकारी वकील उज्जवला पवार ने किया, वह पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान ही गुप्तचर एजेंसियों के हाथ लगी थी। सचेत होकर अहमदाबाद में होने वाला प्रधानमंत्री का रोड शो रद्द कर दिया गया था।

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