Move to Jagran APP

आतंकी फंडिंग की तर्ज पर अब नक्सल फंडिंग की भी होगी जांच

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून में नक्सली नेताओं द्वारा अवैध कमाई से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 08:23 PM (IST)Updated: Sat, 10 Feb 2018 09:48 PM (IST)
आतंकी फंडिंग की तर्ज पर अब नक्सल फंडिंग की भी होगी जांच
आतंकी फंडिंग की तर्ज पर अब नक्सल फंडिंग की भी होगी जांच

नीलू रंजन, नई दिल्ली। नक्सली नेताओं के खिलाफ मनी लांड्रिंग का शिकंजा कसने की बिहार सरकार की पहल अब रंग लाने लगी है। सुरक्षा और जांच एजेंसियां आतंकी फंडिंग रोकने की तर्ज पर अब नक्सल फंडिंग रोकने के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है। इसके लिए सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और एनआइए के साथ-साथ नक्सल आपरेशन से जुड़े सभी अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। ध्यान देने की बात है कि बिहार सरकार की पहल पर ईडी ने पिछले हफ्ते पहली बार नक्सल नेता संदीप यादव उर्फ बड़का भैया की संपत्ति जब्त की थी।

loksabha election banner

नक्सल फंडिंग पर सोमवार को होने वाली बैठक की अध्यक्षता ईडी निदेशक कर्नल सिंह करेंगे। इसमें एनआइए प्रमुख वाईसी मोदी के साथ-साथ नक्सल प्रभावित राज्यों के डीजीपी और नक्सल आपरेशन से जुड़े केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों के आइजी भी शामिल होंगे। बैठक में एनआइए प्रमुख आतंकी फंडिंग रोकने और उससे पत्थरबाजी समेत आतंकी गतिविधियों पर पड़ने वाले प्रभाव के अनुभव को साझा करेंगे। ध्यान देने की बात है कि एनआइए कश्मीर में आतंकी फंडिंग के मामलों की जांच कर रहा है, जिसमें दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बैठक का उद्देश्य आतंकी फंडिंग की तर्ज पर नक्सल फंडिंग को रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाने की है। एजेंसियों के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि जंगल में रहने वाले बड़े नक्सली नेता आम जनता से की जाने वाली अवैध वसूली का बड़ा हिस्सा अपने परिवार को भेजते हैं। उसी पैसे से नक्सली नेताओं का परिवार करोड़ों की जायदाद खरीदता है। लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी थी।

पहली बार बिहार सरकार ने पिछले साल ईडी से सजायाफ्ता पर भगोड़े नक्सली नेताओं की संपत्तियों की जांच करने को कहा था। जांच के बाद पिछले हफ्ते ईडी ने संदीप यादव की 88 लाख रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी। जिनमें रांची, दिल्ली, गया में पत्नी और दामाद के नाम पर फ्लैट खरीदने के साथ-साथ बैंक में जमा फिक्सड डिपोजिट भी शामिल हैं। संदीप यादव के परिवार वाले ईडी को नहीं बता पाए कि इन संपत्तियों को खरीदने के लिए उनके पास पैसे कहां से आए थे। साफ है कि ये सारी संपत्तियां नक्सली नेता के अवैध उगाही के पैसे बनाई गई थी।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून में नक्सली नेताओं द्वारा अवैध कमाई से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है। यदि राज्य पुलिस सहयोग करती है, तो वे नक्सली नेताओं के परिवार की संपत्तियों की जांच करने और अवैध तरीके से बनाई गई संपत्तियों को जब्त करने के लिए तैयार हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.