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राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा और अन्य नदियों के किनारों को विकसित करने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने शुक्रवार को गंगा और अन्य नदियों के किनारों (रिवर फ्रंट) को विकसित करने के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया। यह दिशा-निर्देश विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआइ) भारत द्वारा आयोजित कार्यक्रम कनेक्ट करो में जारी किया गया।

By Pooja SinghEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 02:15 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 02:15 PM (IST)
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा और अन्य नदियों के किनारों को विकसित करने के लिए जारी किए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने शुक्रवार को गंगा और अन्य नदियों के किनारों (रिवर फ्रंट) को विकसित करने के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया। यह दिशा-निर्देश विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआइ) भारत द्वारा आयोजित कार्यक्रम कनेक्ट करो में जारी किया गया।

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इस मौके पर एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि यह दिशा-निर्देश गंगा नदी के बेसिन में शहर के योजनाकारों की मदद करेगा। बड़े पैमाने पर देश को यह समझने में मदद मिलेगी कि नदी के शहरी किनारों को मास्टरप्लान में कैसे एकीकृत किया जाए।

उन्होंने कहा कि नदी के किनारे लोगों को नदी से जोड़ने में मदद करते हैं और नदी की यात्रा को सुखद बनाते हैं। शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रिवरफ्रंट जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज उन सभी हितधारकों के लिए एक शुरुआत है जो शहरी नदी बाढ़ परियोजनाओं को लागू करना चाहते हैं।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शहर एक कदम और आगे बढ़ा है। स्मार्ट हो रहे शहर से निकलने वाले नालों से अब रामगंगा मैली नहीं होगी। महीने भर में तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण हो जाएगा। यूपी के बरेली शहर के नालों से अब रामगंगा गंदी नहीं होगी। क्योंकि यहां पर तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे।

नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत गुरुवार को नेशनल मिशन फार ग्रीन गंगा (एनएमसीजी) के दिल्ली स्थित कार्यालय पर जल निगम के अधीक्षण अभियंता नीरज कुमार और कार्यदायी संस्था दिल्ली की इनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक मनीष जैन के बीच मेमोरेंडम आफ अंडरस्टेंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो गए। इसके तहत देवरनियां, नकटिया और चौबारी नदी में गिरने वाले 15 नालों का पानी शोधित किया जाएगा। कार्यदायी संस्था निर्माण के साथ ही अगले 15 साल तक इन एसटीपी की मेंटीनेंस का भी काम करेगी। अनुबंध के दौरान एनएमसीजी के निदेशक (परियोजनाएं) बिनोद कुमार, महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा, कार्यकारी निदेशक अशोक कुमार सिंह, कार्यकारी निदेशक (वित्त) रोजी अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


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