राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा, ग्राहक को 50 लाख रुपये दे एक्सिस बैंक
बैंक पर आरोप है कि उसने लोन देने के दौरान ग्राहक से जो दस्तावेज जमा कराए थे वह रकम अदा करने के बाद भी वापस नहीं किए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने एक्सिस बैंक को ग्राहक राजेश गुप्ता को वित्तीय क्षति के रूप में 50 लाख रुपये देने को कहा है। यह रकम चार सप्ताह में देनी होगी। रकम अदा करने में विफल रहने पर प्रतिवर्ष 12 फीसद की दर से ब्याज देना होगा। बैंक पर आरोप है कि उसने लोन देने के दौरान ग्राहक से जो दस्तावेज जमा कराए थे वह रकम अदा करने के बाद भी वापस नहीं किए।
बैंक अपने ग्राहक के प्रति दायित्वों को निभाने में असफल
न्यायाधीश दीपक शर्मा ने अपने फैसले में कहा कि मामले से जुड़े तथ्यों को देखने से स्पष्ट होता है कि बैंक अपने ग्राहक के प्रति दायित्वों को निभाने में असफल रहा है। आयोग ने बैंक से दस्तावेजों के संबंध में राजेश के नाम से क्षतिपूर्ति बांड जारी करने को भी कहा है। शीर्ष उपभोक्ता मंच ने बैंक से ग्राहक को मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 50 हजार रुपये जबकि मुकदमेबाजी में खर्च की अदायगी के तौर पर 15,000 रुपये भी देने को कहा है।
राजेश ने एक्सिस बैंक की फरीदाबाद शाखा से वर्ष 2012 में 67 लाख रुपये का लोन लिया था। उन्होंने 2013 में इसकी अदायगी कर दी थी, लेकिन बैंक ने अदायगी के बाद भी वह कागजात नहीं लौटाए जो पैसे देने के समय ग्राहक से जमा कराए थे।