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निधन के एक साल बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से कैसे जुड़ी कैथरीन, जानें पूरी कहानी

नासा का एक कैप्‍सूल अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन में सामान लेकर पहुंचा है। इसका नाम कैथरीन जॉनसन है। इसके जरिए नासा ने अपनी महान गणितज्ञ को सम्‍मान प्रकट किया है जिसकी बदौलत अमेरिका ने अपना पहला स्‍पेस मिशन पूरा किया था।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 09:33 AM (IST)
निधन के एक साल बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से कैसे जुड़ी कैथरीन, जानें पूरी कहानी
नासा की प्रमुख गणितज्ञ थीं कैथेरीन जॉनसन

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। लॉन्चिंग की उलटी गिनती के शून्‍य होते ही रविवार को नासा का एक रॉकेट अंतरराष्‍ट्रीय अंतरिक्ष स्‍टेशन की तरफ तेजी से बढ़ निकला। अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी द्वारा लॉन्‍च किए गए पहले स्‍पेस मिशन की 59वीं वर्षगांठ पर हुआ ये लॉन्‍च काफी अहम था। अहम इसलिए भी था क्‍योंकि नासा इसके जरिए उस महिला को सम्‍मान दे रहा था जिसकी बदौलत अंतरिक्ष के दरवाजे खुले और आज इंसान वहां पर जा सकता है। इस महिला का नाम कैथरीन जॉनसन था। दरअसल, नासा का ये रॉकेट आईएसएस में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाने-पीने के सामान के अलावा अन्‍य तकनीकी उपकरण लेकर गया था। सोमवार को जब ये आईएसएस से जुड़ा तो नासा का मिशन कंट्रोल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। नासा इस कैपसूल का नाम नासा ने अपनी पूर्व गणितज्ञ कैथरीन के नाम पर रखा था, जिनका पिछले वर्ष निधन हो गया था। इस तरह से कैथरीन अपने निधन के एक वर्ष बाद धरती से आईएसएस से जुड़ गईं।

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इस कैप्‍सूल को अमेरिकी अमेरिकी कंपनी नॉर्थरॉप ग्रुम्मान ने बनाया है। वर्जीनिया के तट से इसको लॉन्‍च किया गया था। इस कंपनी ने इस काम को 15वीं बार अंजाम दिया है। इस मौके पर कंपनी की तरफ से बताया गया कि कैथरीन ने अपने हाथों से जो फार्मूले लिखे थे उनकी ही बदौलत अमेरिका ने अंतरिक्ष में सफलता के नए आयाम रचे। उनकी ही बदौलत अमेरिका ने अंतरिक्ष में सफला की सीढि़यां चढ़ी थीं। अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने कैथरीन जॉनसन को नवंबर 2015 में राष्ट्रपति का स्वतंत्रता का मेडल देकर सम्‍मानित किया था। कैथरीन के फार्मूले ही अमेरिका के पहले स्‍पेस मिशन का आधार बने थे। इनके ही आधार पर 20 फरवरी 1962 को जॉन ग्‍लेन ने पहली बार पृथ्‍वी की परिक्रमा का इतिहास रच दिया था। ऐसा करने वाले वो अमेरिका के पहले अंतरिक्ष यात्री थे।

नासा में पहुंचने के लिए कैथरीन की राह आसान नहीं थी। एक अश्‍वेत महिला होने के नाते उन्‍हें हर कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन उन्‍होंने कभी इनसे हार नहीं मानी बल्कि इनसे लगातार जूझती रहीं और सफलता की सीढि़यां चढ़ती रहीं। उनकी उपलब्धियों पर 2016 में एक फिल्‍म भी आई थी जिसका नाम हिडेन फिगर्स था। इसमें कैथरीन के अलावा अन्‍य दो अश्‍वेत महिला डॉर्थी वॉन और मैरी जैक्सन के बारे में भी बताया गया था। इन तीनों ने ही 1940 से 1960 के बीच नासा के अंतरिक्ष उड़ान अनुसंधान में विशेष योगदान दिया था। ये मूवी मार्गोट ली शेटरली की लिखी किताब 'हिडन फीगर्स' पर आधारित थी। पिछले वर्ष नासा ने अपने मुख्‍य मार्ग का नाम भी कैथरीन के नाम पर रखा था।

नासा के इस सप्‍लाई कैप्‍सूल का वजन करीब चार टन है। जिस वक्‍त इसको लॉन्‍च किया गया था उससे करीब दस मिनट पहले ही आईएसएस वजीर्निया के ऊपर से गुजरा था। इस कैप्‍सूल में अंतरिक्षयात्रियों के लिए बादम, टमाटर, पामेजान, स्मोक्ड सालमन, चेडार चीज, कैरेमेल और नारियल के टुकड़े हैं। इसके अलावा इसमें अंतरिक्ष यात्रियों के एक्‍सपेरिमेंट के लिए कुछ राउंड वर्म हैं और कुछ कंप्‍यूटर इक्‍यूपमेंट्स भी हैं, जिनसे वहां पर डाटा प्रोसेसिंग की रफ्तार बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा दो और खास चीजें यहां पर भेजी गई हैं। इनमें मूत्र को पीने के पानी में बदलने वाली एक मशीन और चांद पर एस्ट्रोनॉट भेजने के नासा के कार्यक्रम के लिए रेडिएशन डिटेक्टर भी शामिल है।


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