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एनएसजी के घेरे में रहेंगे नरेद्र मोदी, गांधी परिवार के समानांतर होगी सुरक्षा

काशी से भाजपा के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी तो आजमगढ़ से सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के चुनावी मैदान में उतरने से पूरी देश की निगाहें पूर्वाचल पर टिक गई हैं। दो प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रमुखों के लड़ने से सुरक्षा एजेंसियों की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। काशी हो या आजमगढ़ सुरक्षा एजें

By Edited By: Published: Tue, 18 Mar 2014 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 19 Mar 2014 11:11 AM (IST)

वाराणसी, जागरण संवाददाता। काशी से भाजपा के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी तो आजमगढ़ से सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के चुनावी मैदान में उतरने से पूरी देश की निगाहें पूर्वाचल पर टिक गई हैं। दो प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रमुखों के लड़ने से सुरक्षा एजेंसियों की सरगर्मियां बढ़ गई हैं। काशी हो या आजमगढ़ सुरक्षा एजेंसियों की नजर में दोनों ही संसदीय क्षेत्र अति संवेदनशील की श्रेणी में हैं।

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गृह मंत्रालय द्वारा इंटेलिजेंस को जारी दिशा-निर्देश के अनुसार चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद भी नरेंद्र मोदी की सुरक्षा सोनिया और राहुल गांधी के समानांतर होगी। मोदी एनएसजी के घेरे में सभाएं करेंगे। आतंकियों के निशाने पर कई बार आ चुकी काशी से मोदी के प्रत्याशी बनने से एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों का काम बढ़ गया है। पटना ब्लास्ट में मीरजापुर से विस्फोटक के इस्तेमाल ने पहले ही खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा रखी है। अब सुरक्षा एजेंसियों का काम काफी बढ़ गया है। हर छोटे-बड़े इनपुट पर नजर रखी जा रही है। स्लीपर मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे कथित बांग्लादेशियों की पड़ताल शुरू हो चुकी है। कुछ धार्मिक स्थलों में आने-जाने व ठहर रहे लोगों की मंशा जानने की कोशिश हो रही है।

पाकिस्तान व खाड़ी देशों से मोदी के खिलाफ प्रचार-प्रसार के लिए धन भेजे जाने का भी इनपुट खुफिया के पास है। पूर्वाचल से इन मुल्कों से होने वाली बातचीत पर नजर रखी जा रही है। नगर के बाहरी व रेल पटरियों के किनारे बसी संदिग्ध बस्तियों से लेकर नक्सल प्रभावित जिलों पर पैनी निगाह है। एटीएस (एंटी टेररिस्ट सेल) समेत अन्य सुरक्षा एजेंसी हथियारों व मादक पदार्थो की तस्करी में आई बाढ़ पर नजर रख रहा है। एक निजी कंपनी द्वारा नगर क्षेत्र में फोर जी तकनीकयुक्त 300 सीसी कैमरे लगाने का काम तेज हो गया है। उम्मीद है कि अप्रैल तक काम पूरा हो जाएगा। पुलिस को भी पीएचक्यू (पुलिस हेड क्वार्टर) से तीन दर्जन से अधिक गाड़ियां मिलने वाली हैं जो सीधे कंट्रोल रूम से जुड़ी रहेंगी।

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