नरेंद्र मोदी अप्रवासी और भारतवंशी बिरादरी में भी सुपरहिट
भारत के चुनावी माहौल की गर्मी का असर अप्रवासी और भारतवंशी बिरादरी में भी खासा दिखाई पड़ रहा है। राजधानी में शुरू हुए प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में अगले कुछ माह में होने वाले लोकसभा चुनाव और पीएम पद प्रत्याशी बहस का अहम मुद्दा है। विदेशी स्वजनों के बीच नरेंद्र मोदी पहली पसंद के रूप में सामने आए हैं।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भारत के चुनावी माहौल की गर्मी का असर अप्रवासी और भारतवंशी बिरादरी में भी खासा दिखाई पड़ रहा है। राजधानी में शुरू हुए प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में अगले कुछ माह में होने वाले लोकसभा चुनाव और पीएम पद प्रत्याशी बहस का अहम मुद्दा है। विदेशी स्वजनों के बीच नरेंद्र मोदी पहली पसंद के रूप में सामने आए हैं। भारतीय राजनीति की पिच पर धमाकेदार एंट्री करने वाली आम आदमी पार्टी को लेकर भी उत्सुकता नजर आती है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी चर्चा में हैं। लोगों का कहना है कि राहुल के पास अच्छे विचार हैं, लेकिन वह कम बोलते हैं और खुद को सीमित रखते हैं।
पढ़ें : राजनाथ ने प्रवासी भारतीयों के सामने फेंका पासा
न्यूयॉर्क के लूबिन स्कूल ऑफ बिजनेस में फाइनेंस एंड इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर डॉ. सुरेंद्र कौशिक कहते हैं कि नरेंद्र मोदी सफल सरकार और आर्थिक विकास का कामयाब उदाहरण गुजरात में पेश कर चुके हैं। ऐसे में फिलहाल पीएम पद प्रत्याशी के तौर पर मोदी आकर्षक विकल्प नजर आते हैं। हालांकि ईमानदार राजनीति के नारे के साथ आई आप को मिली कामयाबी एक सकारात्मक नजरिए का प्रतीक है। अगर यह पार्टी बेहतर सरकार का नमूना साबित कर पाती है तो भारतीय राजनीति के लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।
अमेरिका के ओहायो की सिनेट सीट से डेमोक्रेटिक पार्टी प्रत्याशी की दौड़ में शामिल निशांत पटेल के मुताबिक, अप्रवासियों और भारतवंशियों के नजरिए से नरेंद्र मोदी की पीएम पद की दावेदारी बेहतर नजर आती है, जिन्होंने विकास और अपने शासन फार्मूले के प्रत्यक्ष प्रमाण पेश किए हैं।
बिहार के सिवान से पंद्रह बरस पहले लंदन में जा बसे उदेश्वर सिंह मोदी से इतने प्रभावित हैं कि वो भारत में चुनाव लड़ने को भी लालायित हैं।
निशांत पटेल कहते हैं कि राहुल संवाद से कतराते हैं जबकि मोदी न सिर्फ सीधे संवाद करते है, बल्कि जनभावना के मुताबिक बातें करते हैं। लिहाजा उनके बारे में जानकारी भी ज्यादा है।
डॉ. कौशिक भी कहते हैं कि राहुल के पास अच्छे विचार हैं लेकिन उनकी सरकार के बीते दस वर्षो के कामकाज का रिकार्ड का नतीजा है कि जनता उनसे दूर हो रही है। बीते दिनों हुए राच्यों के राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली आदि राच्यों के चुनावों में इसका नमूना भी मिला है।
पढ़ें : मोदी को समर्थन के लिए भारतीय-अमेरिकी करेंगे फोन
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर