इमरजेंसी : नानाजी देशमुख ने भेजा था एक्शन प्लान
आपातकाल के दौरान जनसंघ व उस समय कांग्रेस के विरोध में गठित की गई विपक्ष की संयुक्त ताकत की प्रतीक लोक संघर्ष समिति के अधिकांश नेता जेलों में डाल दिए गए थे। लेकिन आरएसएस ने अंदरखाने इसका विरोध करने के लिए एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया था। तब लोकतंत्र
रेवाड़ी [जासं]। आपातकाल के दौरान जनसंघ व उस समय कांग्रेस के विरोध में गठित की गई विपक्ष की संयुक्त ताकत की प्रतीक लोक संघर्ष समिति के अधिकांश नेता जेलों में डाल दिए गए थे। लेकिन आरएसएस ने अंदरखाने इसका विरोध करने के लिए एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया था। तब लोकतंत्र के नायक बनकर उभरे जयप्रकाश के जेल जाने के बाद लोक संघर्ष समिति की बागडोर नानाजी देशमुख के पास थी। देशमुख ने हर जिला मुख्यालय पर एक्शन प्लान भेज दिया था।
आपातकाल के संस्मरण सांझा करते हुए प्रो. दशरथ चौहान ने बताया कि पूरी कार्रवाई गोपनीय तरीके से चल रही थी। दशरथ चौहान के अनुसार वह और उनके साथी भूमिगत रहकर अंदरखाने तैयार की गई कार्ययोजना पर अमल करते थे।
चौहान के अनुसार आपातकाल जब लगा तब वह टूंडला उत्तर प्रदेश में थे। पुलिस उनके गांव सूंदरोज में उनकी तलाश कर रही थी। गांव पहुंचने पर लोगों से पूरी जानकारी मिली तो रेवाड़ी पहुंच गए। यहां पर उन्हें एक कोड मिला। इस कोड के अनुसार वे नारनौल पहुंचे और वहां काम शुरू कर दिया। तब नारनौल से शुरुआत इसलिए की गई थी, क्योंकि तब रेवाड़ी की बजाय नारनौल ही जिला मुख्यालय था।
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