नगरोटा पर हमला करने वाले 'आशिक बाबा' ने कई बार किया पाकिस्तान का दौरा
28 नवंबर 2016 में आतंकी आशिक बाबा व उसके दो साथियों ने आतंकियों को कश्मीर में रिसीव किया था, उसके अगले दिन सेना के कैंप पर हमला किया गया।
नई दिल्ली, आइएएनएस। जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में स्थित सेना के कैंप पर हमला करने वाले आतंकी आशिक बाबा ने कई बार पाक का दौरा किया था। 2016 में इस आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था। बाबा ने कानूनी तौर पर वाघा बार्डर पार किया। इसके बाद जैश-ए-मोहम्मद के लोगों से मिल हमले की साजिश रची।
एनआइए ने गुरुवार को बताया कि उसने अपना वीजा हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, अब्दुल गनी बट्ट व मीरवाइज उमर फारुख के सिफारिशी पत्र के जरिये हासिल किया था। वह 2015 से 2017 तक चार बार पाकिस्तान में गया। वहां उसकी मुलाकात पाक खुफिया एजेंसी आइएसआइ के अफसर से भी हुई। वहां रूपरेखा तैयार हुई कि कब और कैसे आतंकियों को रिसीव करना है। अप्रैल 2017 में पाक जाकर उसने अबु तल्हा, मुफ्ती असगर व वसीम से मुलाकात की।
पठानकोट हमले के सूत्रधार मौलाना मसूद अजहर के भाई मौलाना रउफ से भी उसने मुलाकात की थी। नगरोटा मामले में गिरफ्तार किए गए आतंकियों में बाबा के साथ जैश-ए-मोहम्मद के सैयद मुनीर उल हसन, पुलवामा में रहने वाले लकड़ी कारोबारी तारिक अहमद डार पाक में बैठे सरपरस्तों के लगातार संपर्क में थे। वो वाट्सएप व अन्य मैसेजिंग के जरिये संदेशों का आदान प्रदान कर रहे थे। उनको दिशानिर्देश मुजफ्फराबाद में रहने वाला मौलाना मुफ्ती असगर दे रहा था।
28 नवंबर 2016 में बाबा व उसके दो साथियों ने आतंकियों को कश्मीर में रिसीव किया था, उसके अगले दिन सेना के कैंप पर हमला किया गया। बाबा ने आतंकियों को जम्मू के होटल में ठहराकर उन्हें सेना का कैंप दिखाया।