रोज वार्ता कर बनाया जाएगा नगा समझौते को लागू करने का रास्ता, सरकार की ओर से शामिल होंगे दो अधिकारी
नगा समस्या के समाधान के लिए हुए समझौते को लागू करने के वास्ते सरकार और एनएससीएन आइएम के शीर्ष नेताओं के बीच रोजाना वार्ता होगी
नई दिल्ली, पीटीआइ। उत्तर-पूर्व की दशकों पुरानी नगा समस्या के समाधान के लिए हुए समझौते को लागू करने के वास्ते सरकार और एनएससीएन-आइएम के शीर्ष नेताओं के बीच रोजाना वार्ता होगी। बैठक में केंद्र सरकार की ओर से इंटेलीजेंस ब्यूरो के दो वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। नगालैंड के राज्यपाल और सरकार की ओर नियुक्त वार्ताकार आरएन रवि फिलहाल इस बैठक से दूर हैं। एनएससीएन-आइएम नेताओं ने आरोप लगाया था कि ये दोनों उनके बीच फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं। यह वार्ता तीन अगस्त, 2015 को हुए समझौते को लागू करने के लिए हो रही है।
एनएससीएन-आइएम की मांग है कि नगालैंड के लिए अलग संविधान और अलग झंडे का प्रावधान किया जाए। लेकिन इन दोनों मांगों पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस सहित कुछ और मांगों पर फैसला होने के बाद नगा संगठन केंद्र सरकार के राजनीतिक लोगों से वार्ता करेगा। केंद्र सरकार और एनएससीएन-आइएम के बीच 18 साल चली 80 चरणों की वार्ता के बाद तीन अगस्त, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में समझौता हुआ था।
समझौते पर केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त वार्ताकार आरएन रवि और नगा संगठन के महासचिव थुइंगालेंग मुइवा ने दस्तखत किए थे। ज्ञात हो, पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर उसे दिया गया विशेष संवैधानिक दर्जा खत्म किया गया था। इस विशेष दर्जे के चलते जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे का भी प्रावधान था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कई मौकों पर एक देश में एक संविधान और एक झंडा होने की बात कह चुके हैं, इसलिए नगा नेताओं की अलग संविधान और अलग झंडे की मांग माने जाने को लेकर संदेह है।