जश्ने ईद की धूम, ईदगाहों में रौनक
देशभर में सोमवार को ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अकीदतमंद नमाज अता करने के लिए ईदगाहों में जुटने लगे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देशवासियों को ईद की बधाई दी है। देशभर में सोमवार को ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अकीदतमंद नमाज अता करने के लिए ईदगाहों में जुटने लगे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देशवासियों को ईद की बधाई दी है। बिहार में पटना सहित सभी जिलों में ईदगाह व मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज अदा की गई। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बड़ी संख्या में लोगों ने ईद की नमाज अता की।
नई दिल्ली। देशभर में सोमवार को ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अकीदतमंद नमाज अता करने के लिए ईदगाहों में जुटने लगे हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देशवासियों को ईद की बधाई दी है।
बिहार में पटना सहित सभी जिलों में ईदगाह व मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज अदा की गई। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बड़ी संख्या में लोगों ने ईद की नमाज अता की। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी यहां पहुंचकर नमाजियों को ईद की मुबारकबाद दी तथा राज्य और देश की खुशहाली के साथ आपसी सद्भाव की कामना की।
गांधी मैदान के अलावा जंक्शन जामा मस्जिद, दानापुर के ईदगाह, कर्बला मस्जिद, फुलवारीशरीफ, गुलजारबाग ईदगाह में रमजान के पाक महीने में रोजा रखने के बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम संप्रदाय के लोगों ने ईद की नमाज अदा की और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। इस मौके पर बड़ी संख्या में बच्चों ने भी भाग लिया।
इसके अलावा राज्य के भागलपुर, पूर्णिया, मुज्जफरपुर, किशनगंज, सासाराम, पश्चिम चंपारण सहित सभी जगहों में मस्जिदों और ईदगाह में पहुंचकर लोगों ने ईद की विशेष नमाज अदा की और एक-दूसरे से गले मिलकर मुबारकबाद दी। ईद के मौके पर राज्य भर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए है।
जन्नती दरवाजा खुला
ईद के मौके पर अजमेर में ख्वाजा गरीब की दरगाह का जन्नती दरवाजा खोल दिया गया है। मान्यता है कि जो भी जन्नती दरवाजे से होकर दरगाह में जियारत करने जाता है उसे जन्नत नसीब होती है।
जन्नती दरवाजा जैसे ही सोमवार सुबह 4.30 बजे खुला इससे गुजरने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। जन्नती दरवाजे से गुजरने के लिए रात से ही लंबी-लंबी कतारें लगी थीं। जन्नती दरवाजा खुलते ही देश और दुनियाभर से आए हजारों श्रद्धालु यहा से गुजरे और ईद के पाक मौके पर जन्नत की दुआ मागी।
धार्मिक मान्यता है कि जो भी इस जन्नती दरवाजे से होकर दरगाह में जियारत करने जाता है उसे जन्नत नसीब होती है। दरगाह के इस दरवाजे का इतिहास भी ख्वाजा गरीब नवाज जितना ही पुराना है। ऐसा कहा जाता है की अजमेर में रहने के दौरान खुद ख्वाजा गरीब नवाज इसी दरवाजे से होकर आया-जाया करते थे और उन्होंने ही इस दरवाजे की खासियत अपने मुरीदों को बताई थी।
जन्नती दरवाजा साल में महज चार बार ही खुलता है। जन्नती दरवाजा ईद-उल-फितर के अलावा बकरीद, गरीब नवाज के गुरु ख्वाजा उस्मान हारुनी के उर्स के मौके पर और ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स पर खुलता है।
गरीब नवाज का उर्स ही एक ऐसा मौका होता है जब सबसे ज्यादा लगातार छह दिनों तक जन्नती दरवाजा खुला रहता है।
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