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पुलिस का मानवीय चेहरा: एसपी ने किया कन्यादान, शहनाई में गूंजे पुलिस की गाड़ि‍यों के सायरन

मध्य प्रदेश के देवास में विवाह की व्यवस्थाएं ही पुलिस ने नहीं संभाली बल्कि कन्यादान भी एसपी कृष्णावेणी देसावतु ने किया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 01:09 AM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 01:09 AM (IST)
पुलिस का मानवीय चेहरा: एसपी ने किया कन्यादान, शहनाई में गूंजे पुलिस की गाड़ि‍यों के सायरन
पुलिस का मानवीय चेहरा: एसपी ने किया कन्यादान, शहनाई में गूंजे पुलिस की गाड़ि‍यों के सायरन

देवास, राज्‍य ब्‍यूरो। पुलिस का एक लाठी भांजने वाला चेहरा है। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के देवास में पुलिस का अलग चेहरा देखने को मिला। यहां सोमवार को कविता का विवाह अनूठे अंदाज में हुआ। विवाह की व्यवस्थाएं ही पुलिस ने नहीं संभाली बल्कि कन्यादान भी एसपी कृष्णावेणी देसावतु ने किया। पंडितजी ने मुंह पर अंगोछा लपेटकर मंत्र पढ़े और शारीरिक दूरी के नियम के साथ वर-वधू विधि-विधान के साथ परिणय सूत्र में बंध गए। खास बात यह भी रही कि विवाह स्थल पर शहनाई की जगह पुलिस की गाड़ि‍यों के सायरन गूंजते रहे।

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पुलिस की एक अलग छवि 

लॉकडाउन-4 में यह आयोजन पुलिस की सर्वथा अलग छवि दर्शाने वाला रहा। कविता की बुआ और पिता फूलचंद शादी के लिए रुपये जुटा रहे थे कि पुलिस को इसकी जानकारी लग गई। देखते ही देखते पुलिस ने शादी की सारी व्यवस्था कर दी। पुलिस के आलाधिकारी मामेरा लेकर पहुंच गए। कविता का विवाह शहर के ही त्रिलोकनगर के जितेंद्र के साथ तय होने पर कविता के पिता ने पुलिस से विवाह में सहयोग मांगा था।

इस तरह मंगाया सामान

परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में पता लगने पर पुलिस ने बर्तन की दुकानें खुलवाई। बर्तनों के साथ पूजन की सामग्री भी मंगवाई। विवाह में मौजूद पुलिसकíमयों ने भी घरेलू सामग्री भेंट की। नवदंपती को गृहस्थी का जरूरी सामान भी भेंट किया। दूल्हा-दुल्हन को घर से विवाह स्थल पर लाने के लिए गाड़ी का इंतजाम भी विभाग की ओर से किया गया।

एसपी कृष्‍णावेणी ने कहा-पढ़ें और नौकरी करें

एसपी देसावतु ने बताया कि कोरोना संकट में अलग तरह से विवाह पुलिस की ओर से कराया गया। सभी के आशीर्वाद से विवाह संपन्न हो गया। मैंने दुल्हन कविता से कहा कि वह आगे पढ़ाई करे और नौकरी भी करे।

कुछ इस तरह बनी बात

दरअसल, 2008 में कविता की मां का निधन हो गया था। वह अपनी तीन बुआ के पास रह रही थी। शादी तय होने पर मजदूर पिता इंतजामों के लिए रुपये नहीं जुटा पाए। इस पर तीनों बुआओं ने भाई को हिम्मत बंधाई कि भतीजी की शादी सभी मिलकर करवाएंगे। बड़ी बुआ शांता मुखर्जीनगर में पुलिसकर्मी जितेंद्र दुबे के पास पहुंची, उनसे शादी के लिए आर्थिक मदद करने को कहा।

जब दुबे को परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में पता चला तो उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में बताया और उनसे मदद की अपील की। इसके बाद पुलिस विभाग ने स्वयं कविता की शादी का जिम्मा लिया और उसे पूरा भी किया। ज्ञात हो कि पुलिस की पाठशाला में गरीब बच्चों की पढ़ाई के अलावा इनके परिवारों की मदद की जाती है।


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