अब सुरक्षा बलों के सामने चंद सेकंड ही टिक पाएंगे उपद्रवी, बीएसएफ ने बनाए नए ग्रेनेड-शेल
बीएसएफ की यह अश्रु गैस इकाई देश में इकलौती है जो पर्यावरण हितैषी शोध करते हुए ग्रेनेड-शेल तैयार करती है। तीन नए शोध में मल्टी पैलेट टियर स्मोक ग्रेनेड मल्टी पैलेट शार्ट रेंज शेल और क्विक रिलीज ग्रेनेड तैयार किए गए हैं।
वरुण शर्मा, ग्वालियर। सुरक्षा बलों के सामने अब उपद्रवियों का ज्यादा देर टिकना संभव नहीं होगा। इनके छक्के छुड़ाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ग्वालियर की अश्रु गैस इकाई टेकनपुर ने नए ग्रेनेड और शेल तैयार किए हैं। कोरोना काल में ही अश्रु गैस इकाई की टीम ने शोध करके इन्हें तैयार किया है जो पहले से अत्याधुनिक और ज्यादा प्रभावी ग्रेनेड शेल हैं। बीएसएफ की यह अश्रु गैस इकाई देश में इकलौती है जो पर्यावरण हितैषी शोध करते हुए ग्रेनेड-शेल तैयार करती है। तीन नए शोध में मल्टी पैलेट टियर स्मोक ग्रेनेड, मल्टी पैलेट शार्ट रेंज शेल और क्विक रिलीज ग्रेनेड तैयार किए गए हैं। ग्वालियर की इस इकाई से देश की सुरक्षा एजेंसियां ग्रेनेड और शेल लेती हैं।
यह तीन नए ग्रेनेड-शेल
1- मल्टी पैलेट टियर स्मोक ग्रेनेड
नई तकनीक वाला यह ग्रेनेड हवा में चार भागों में बंटकर उपद्रवियों के छक्के छुड़ा देगा। यह 20 सेकंड में अपना काम कर देता है और हवा में बंटकर अश्रु गैस छोड़ता है। चार भागों में बंटने के कारण उपद्रवी इधर-उधर भी होंगे तो बच नहीं पाएंगे।
2 - मल्टी पैलेट शार्ट रेंज शेल
यह शेल तीन भागों में बंटकर 60 मीटर तक मार करता है। यह गन से चलाया जाता है। इसमें से निकलने वाले धुएं के कारण उपद्रवी एक जगह पर नहीं टिक पाएंगे, उन्हें हटना ही पड़ेगा।
3 - क्विक रिलीज ग्रेनेड
यह ग्रेनेड पांच सेकंड में पूरा धुआं निकाल कर अधिक संख्या में एकत्रित उपद्रवियों को भी तितर- बितर होने पर मजबूर कर सकता है। यह उपद्रवियों के ज्यादा संख्या में एकत्रित होने जैसी जगहों पर उपयोग के लिए तैयार किया गया है।
कोरोना काल के नहीं, लगातार नए शोध
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में जब सबकुछ थम गया था, उस दौरान बीएसएफ की अश्रु गैस इकाई ने लगातार काम किया। साथ ही शोध पर भी फोकस किया जिसके परिणाम स्वरूप नए ग्रेनेड और शेल देश के लिए बनाकर दिए। सुरक्षा बलों को इससे विषम परिस्थिति में सहायता मिलेगी।
ऐसी है टेकनपुर अकादमी
बीएसएफ की यह देश की सबसे बड़ी अकादमी है। अश्रु गैस इकाई की स्थापना टेकनपुर ग्वालियर में 12 मई 1976 को करके इसके संचालन की जिम्मेदारी भारतीय सीमा सुरक्षा बल को दी गई थी। ग्वालियर की बीएसएफ अकादमी अंतरराष्ट्रीय स्तर के श्वान प्रशिक्षण केंद्र के अलावा मोटर ट्रांसपोर्ट यूनिट, अश्रु गैस इकाई और ऑफिसर ट्रेनिंग यूनिट के कारण अलग स्थान रखती है। देश के साथ ही विदेश से भी यहां सुरक्षा बल प्रशिक्षण के लिए आते हैं।
ग्वालियर के बीएसएफ टेकनपुर की अश्रु गैस इकाई के महाप्रबंधक बाबू चंद्रन नायर ने कहा कि वर्ष 2020 में अश्रु गैस इकाई द्वारा 10 नए उत्पादों को सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है जिनमें मल्टी पैलेट टियर स्मोक ग्रेनेड, मल्टी पैलेट शार्ट रेंज शेल, क्विक रिलीज ग्रेनेड शामिल हैं। इन्हें विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों द्वारा इस्तेमाल के लिए अनुशंसित किया जा चुका है।