निजी अस्पताल कोरोना वायरस के इलाज की रेट लिस्ट लगाएं: मप्र हाई कोर्ट
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की रेट लिस्ट का बोर्ड लटकाए जाने को अनिवार्य कर दिया है।
जबलपुर, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की रेट लिस्ट का बोर्ड लटकाए जाने को अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा राज्य शासन को कोरोना के इलाज की दरें अधिसूचित करने को कहा है। निर्धारित से अधिक रुपये वसूले जाने की शिकायत पर कठोर कार्रवाई की भी व्यवस्था दी है।
राज्य शासन कोरोना के इलाज की दरें अधिसूचित करें
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान बतौर कोर्ट मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों का इलाज निर्धारित राशि लेकर ही किया जाना चाहिए। इसके लिए मनमानी वसूली ठीक नहीं है। निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज की रेट लिस्ट अनिवार्य की जानी चाहिए। साथ ही राज्य शासन को दरें अधिसूचित करने के निर्देश भी दिए जाएं। निर्धारित से अधिक राशि वसूलने की शिकायत साबित होने पर निजी अस्पताल के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भी प्रावधान किया जाए।
विस्तृत आदेश प्रतीक्षित
यह मामला शाजापुर में एक वयोवृद्घ गरीब मरीज के द्वारा निजी अस्पताल की फीस न चुका पाने के कारण उसे पलंग से बांध दिए जाने की अमानवीय घटना से संबंधित है। संज्ञान के आधार पर मामला सुनवाई में लिया गया। इसके बाद इसका दायरा बढ़ाते हुए राज्य के सभी निजी अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी किए जाने को लेकर विचार जारी है। इसी बीच कोरोना काल में निजी अस्पतालों की भूमिका भी बहस का बिंदु बन गई। सोमवार को हाई कोर्ट ने जो आदेश-निर्देश जारी किए, उस संबंध में विस्तृत आदेश अभी प्रतीक्षित है। यह भी शिकायत मिलती रहती है कि कोरेाना वायरस का इलाज कराने से पहले िनजी अस्पताल भारी भरकम राशि जमा करा रहे हैं और उसके बाद इलाज शुरू कर रहे हैं।