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जल्द ही सांसद और विधायक नहीं कर सकेंगे वकालत, ये है वजह

मिश्रा ने कहा कि नियमानुसार सरकारी कर्मचारी बतौर वकील प्रैक्टिस नहीं कर सकते। यह दोहरे लाभ के पद का भी मामला है।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 10 Jan 2018 07:28 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jan 2018 07:29 PM (IST)
जल्द ही सांसद और विधायक नहीं कर सकेंगे वकालत, ये है वजह
जल्द ही सांसद और विधायक नहीं कर सकेंगे वकालत, ये है वजह

नई दिल्ली, प्रेट्र। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने देश भर के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को नोटिस भेजा है जो बतौर वकील प्रैक्टिस कर रहे हैं। इनके जवाब के आधार पर बतौर वकील प्रैक्टिस करने वाले सभी सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों को वकालत करने से रोक दिया जाएगा।

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बीसीआइ के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने बुधवार को कहा कि वकीलों के सर्वोच्च नियामक निकाय ने ऐसे सभी सांसदों और विधायकों से एक हफ्ते में जवाब तलब किया है। बीसीआइ इस मामले में अंतिम फैसला 22 जनवरी को लेगी। मिश्रा ने कहा कि नियमानुसार सरकारी कर्मचारी बतौर वकील प्रैक्टिस नहीं कर सकते। यह दोहरे लाभ के पद का भी मामला है। हमने बीसीआइ के समक्ष दायर याचिका के आधार पर यह नोटिस जारी किए हैं। बीसीआइ ने यह कदम तब उठाया जब दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने भारतीय बार काउंसिल के नियमानुसार अदालत में पेश होने वाले विधायकों और सांसदों को वकालत करने से रोकने की याचिका दायर की।

कुछ नामचीन सांसद जैसे कांग्रेस के कपिल सिब्बल, पी.चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, केटीएस तुलसी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी से भी उपाध्याय की अपील पर जवाब मांगा गया है।

भाजपा प्रवक्ता की अपील में आरोप लगाया गया है कि ऐसे सांसद और विधायक संसद सत्र या विधानसभा का सत्र चलने के दौरान भी अदालती कार्रवाइयों का हिस्सा बनते हैं। साथ ही वह ऐसे मामलों से भी जुड़ते हैं जो देश के वित्तीय हितों को प्रभावित करने के साथ ही उनके पति या पत्नी, बच्चों, रिश्तेदारों या उनके संगठनों के वित्तीय हितों से जुड़े होते हैं।

उपाध्याय ने अपनी याचिका में दावा किया कि भारतीय संविधान के मुताबिक कार्यपालिका या न्यायपालिका से जुड़े सदस्य बतौर वकील प्रैक्टिस नहीं कर सकते। चूंकि वह सरकारी सेवक हैं। लेकिन निवार्चित प्रतिनिधि जोकि जनसेवक हैं, उन्हें कोर्ट में बतौर वकील प्रैक्टिस करने की इजाजत है। उन्होंने कहा कि यह बात संविधान की भावना के एकदम विरुद्ध है।

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