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मदर टेरेसा पर हुए शोध का किया विरोध

कोलकाता [जाब्यू]। महानगर में ईसाइयों की प्रमुख संस्था बंगीय ख्रिस्टीय परिसेवा ने मदर टेरेसा पर हाल में हुए शोध का कड़ा विरोध किया है। संस्था के राज्य सचिव हिरोद मल्लिक ने कहा कि मदर टेरेसा शोध की चीज नहीं है। शोध के नाम पर उन्हें हमेशा बदनाम करने की साजिश होती रही है। मल्लिक ने कहा जहां तक टेरेसा को संत नहीं मानने क

By Edited By: Published: Sat, 02 Mar 2013 09:33 PM (IST)Updated: Sat, 02 Mar 2013 09:40 PM (IST)
मदर टेरेसा पर हुए शोध का किया विरोध

कोलकाता [जाब्यू]। महानगर में ईसाइयों की प्रमुख संस्था बंगीय ख्रिस्टीय परिसेवा ने मदर टेरेसा पर हाल में हुए शोध का कड़ा विरोध किया है। संस्था के राज्य सचिव हिरोद मल्लिक ने कहा कि मदर टेरेसा शोध की चीज नहीं है। शोध के नाम पर उन्हें हमेशा बदनाम करने की साजिश होती रही है।

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मल्लिक ने कहा जहां तक टेरेसा को संत नहीं मानने की बात है तो वह अभी तक संत नहीं बनी हैं, बल्कि संत बनने की प्रक्रिया में हैं। यह पूरी तरह वेटिकन का मामला है। किसी को संत करार देने की उसकी अपनी प्रक्रिया है, जिसमें शोध के जरिये किसी को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। गौरतलब है कि टेरेसा पर शोध करने वाले कनाडा के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि वह एक संत नहीं थीं। टेरेसा के दीन-दुखियों की मदद के तरीके को संदेहास्पद करार देते हुए कहा कि उन्हें प्रभावशाली मीडिया अभियान के जरिये महिमामंडित किया गया। बीमार को ठीक करने का चमत्कार टेरेसा नहीं बल्कि दवाइयों ने किया। टेरेसा को धन्य घोषित किए जाने पर वेटिकन पर भी सवाल उठाए गए हैं। शोधकर्ताओं ने मदर टेरेसा फाउंडेशन के रुपये के लेन-देन को भी संदेहास्पद करार दिया है। यह रिपोर्ट धर्म व विज्ञान पर आधारित मैगजीन रिलीजस में इस माह छपने वाली है।

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