शादी को पूरे हुए दो साल, महिला को उसके पति से नहीं मिलने दे रही सास; जानें क्या है पूरा मामला
राजधानी की छोला निवासी सविता (परिवर्तित नाम) ने परिवार कल्याण समिति को बताया कि शादी को दो साल हो गए, लेकिन सास ने आज तक मुझे पति से नहीं मिलने दिया।
भोपाल [जेएनएन]। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की छोला निवासी एक महिला ने परिवार कल्याण समिति को बताया कि शादी को दो साल हो गए, लेकिन सास ने आज तक मुझे पति से नहीं मिलने दिया। मेरा कसूर केवल इतना है कि मेरे माता-पिता गरीब हैं और ससुरालवालों की मांग के हिसाब से दहेज नहीं दे सके। समिति के सदस्य (रिटायर डिस्ट्रिक जज) राजीव सक्सेना, मीरा सिंह व रीता तुली की बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करने की सिफारिश महिला थाने को की है।
परिवार कल्याण समिति के समक्ष दहेज प्रताड़ना के करीब 60 मामले सुनवाई में हैं। इनमें से समिति की सिफारिश के बाद 30 मामलों में दहेज प्रताड़ना के मामले दर्ज करने की सिफारिश की गई है। चार मामलों में पक्षकारों के बीच सुलह करा दी गई, जबकि बाकी मामलों में समिति दोनों पक्षों को सुनने व पेश सबूतों के आधार पर सिफारिश करेगी। कई मामलों में महिलाएं ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना के झूठे आरोप भी लगाती हैं, जिसे जांच करने के बाद समिति खारिज कर देती है।
सास ने गर्म चिमटा से मारा, पीठ जल गई
बैरागढ़ निवासी सुमन (परिवर्तित नाम) ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी शादी हेमंत के साथ हुई। शादी के बाद से ही पति, सास और ससुर दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने लगे। सुमन ने बताया कि पति व सास मारपीट भी करते थे। एक दिन वह जब किचन में खाना बना रही थी तभी सास ने गरम चिमटे से उसको मारा जिससे पीठ जल गई। इससे पहले सास उसका हाथ, कंधा भी जला चुकी है।
ससुराल पक्ष की ओर से कहा गया कि सुमन झूठा फंसाने के लिए खुद ही शरीर को जला लेती है। समिति ने पीड़िता के जलने के निशान की जांच कराई जिसमें पाया गया कि पीड़िता की पीठ पर जहां जला है वह खुद नहीं जला सकती। इस पर समिति ने ससुराल पक्ष को कड़ी फटकार लगाई। समिति ने इस मामले में दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करने का मामला दर्ज करने की सिफारिश महिला थाने को की है।
पहले समझौता का प्रयास
सभी थानों में दहेज प्रताड़ना के प्रकरण दर्ज करने से पहले शिकायत को परिवार कल्याण समिति को भेजना अनिवार्य है। इसमें समिति दोनों पक्षों को बुलाकर सुलह कराने का प्रयास करती है। सुलह न होने की स्थिति में समिति के निर्देश पर पुलिस केस दर्ज करती है।
कई मामलों में दहेज प्रताड़ना के झूठे आरोप
समिति का कहना है कि कई छोटे-मोटे मामले लेकर महिलाएं थाने पहुंच जाती हैं और ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराती हैं। इससे पहले जब समिति के पास मामला पहुंचता है तो मामूली बातों पर भी महिलाएं दहेज प्रताड़ना का केस लगाती हैं, जिन्हें समिति खारिज कर देती है।
गंभीरता से सुना जाता है
समिति के सामने पहुंचने वाले शिकायती आवेदनों पर दोनों पक्षों को गंभीरता से सुना जाता है। दोनों पक्षों की ओर से दिए जाने वाले तर्क और सबूतों के बाद समिति अपने स्तर पर मामले की जांच करने के बाद अपनी सिफारिश करती है - राजीव सक्सेना (रिटायर डिस्ट्रिक जज),अध्यक्ष परिवार कल्याण समिति