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भारतमाला परियोजना के अधिकांश ठेके दिसंबर 2018 तक : गडकरी

भारतमाला परियोजना पूरी तरह पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होगी और इसके ज्यादातर ठेके दिसंबर 2018 तक दे दिए जाएंगे।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 25 Oct 2017 09:16 PM (IST)Updated: Wed, 25 Oct 2017 09:16 PM (IST)
भारतमाला परियोजना के अधिकांश ठेके दिसंबर 2018 तक : गडकरी
भारतमाला परियोजना के अधिकांश ठेके दिसंबर 2018 तक : गडकरी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। 'भारतमाला' के तहत सरकार द्वारा घोषित सात लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं में से ज्यादातर के अनुबंध अगले साल के अंत तक दे दिए जाएंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात का एलान किया।

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संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा भारतमाला परियोजना पूरी तरह पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त होगी और इसके ज्यादातर ठेके दिसंबर 2018 तक दे दिए जाएंगे। इस परियोजना से पांच वर्षो में 25 लाख करोड़ रुपये की सड़कों के निर्माण के साथ एक करोड़ लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य पूरा होगा। इसमें से 22 लाख प्रत्यक्ष रोजगार होंगे। 25 हजार किमी सड़कों की डीपीआर लगभग तैयार हैं। पिछले साल 15,948 किमी सड़कों के ठेके दिए गए। चालू वित्तीय वर्ष के लिए ठेकों का लक्ष्य बढ़ाकर 20 हजार किमी कर दिया गया है। यह 2012-13 के मुकाबले कई गुना ज्यादा है, जब केवल 1916 किमी सड़कों के ठेके दिए गए थे।

धन की समस्या नहीं :

भारतमाला के लिए 5.35 लाख करोड़ रुपये के इंतजाम पर गडकरी ने कहा कि धन की कोई समस्या नहीं आएगी। क्योंकि चार-पांच लाख करोड़ पूंजी बाजार से जुटाए जा सकते हैं। जबकि बाकी पैसा वित्त मंत्रालय बजट से देगा। इसके अलावा पेंशन फंड, इंवेस्टमेंट फंड तथा बांडों से भी धन जुटाया जाएगा। एनएचएआइ की रेटिंग एएए-प्लस है। इसलिए विश्र्व बाजार से धन जुटाने में उसे कोई दिक्कत नहीं आएगी। इसके अलावा सवा लाख करोड़ रुपये का निवेश निजी क्षेत्र से होने की उम्मीद है।

एनएचएआइ के अधिकार बढ़े :

गडकरी ने कहा कि भारतमाला के कार्यान्वयन के लिए एनएचएआइ को पूरे अधिकार दिए गए हैं। अब उसे 1000 करोड़ रुपये के बजाय 2000 करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं के लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

550 जिलों में विस्तार :

भारतमाला के पहले चरण में 550 जिले कवर होंगे। अभी केवल 350 जिलों से राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। 34 जिलों में सड़कों में लेनें बढ़ाई जाएंगी जबकि 35 शहरों में लाजिस्टिक पार्क स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा 700 स्थानों पर सड़क किनारे यात्री सुविधाओं (रोड साइड एमेनिटीज) का सृजन होगा। इनमें से 180 का निर्माण दो वर्ष में करने का लक्ष्य है।

44 नए आर्थिक कारीडोर :

प्रोग्राम के तहत 44 नए आर्थिक कारीडोर बनाए जाएंगे। इनमें दिल्ली-लखनऊ, अमृतसर-जामनगर, आगरा-मुंबई, अमृतसर-जामनगर, रायपुर-धनबाद, लुधियाना-अजमेर, संबलपुर-रांची, खड़गपुर-सिलीगुड़ी, सागर-वाराणसी, दिल्ली-कानपुर, सागर-लखनऊ तथा जयपुर-इंदौर शामिल हैं।

65 अंतर-कारीडोर :

भारतमाला के तहत 65 अंतर-कारीडोर के अलावा 115 फीडर सड़कों का निर्माण भी होगा।

28 रिंग रोड :

प्रोग्राम के अंतर्गत प्रमुख शहरों में रिंग रोड के निर्माण का भी प्रस्ताव है। इनमें दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, आगरा, लखनऊ, वाराणसी, पटना, रांची, धनबाद, इंदौर व जयपुर के नाम शामिल हैं।

7 एक्सप्रेसवे :

सात एक्सप्रेसवे में कानपुर-लखनऊ, दिल्ली-अमृतसर-कटरा, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के नाम शामिल हैं।

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