इन वजहों से होती हैं सबसे ज्यादा आत्महत्या, विकासशील देशों में हालात बदतर
भारत में आत्महत्या गैरकानूनी है। संयुक्त राज्य अमेरिका में आत्महत्या गैरकानूनी नहीं है, लेकिन जो इसकी कोशिश करते हैं, उनके लिए दंड का प्रावधान है।
[जागरण स्पेशल]। बुराड़ी में हुई दिल दहलाने वाली घटना की जांच अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन पोस्टमार्टम के आधार पर पुलिस इसे सामूहिक आत्महत्या मानकर चल रही है। पश्चिमी देशों में पुरुष महिलाओं की तुलना में 3-4 गुना तक आत्महत्या करते हैं, जबकि महिलाएं पुरुषों की तुलना में चार गुना अधिक कोशिश करती हैं। चीन में महिलाओं की आत्महत्या दर सर्वाधिक है। आत्महत्या के सामाजिक, धार्मिक व अन्य पहलुओं पर एक रिपोर्ट :
सामूहिक आत्महत्या
- 1978 में जॉन्सटाउन में 918 लोगों ने सामूहिक आत्महत्या की थी
- 1944 में साइपान युद्ध के अंतिम दिनों में 10,000 से अधिक जापानी नागरिकों ने आत्महंता चोटी व बान्ज़ाई चोटी से कूद कर अपनी जान दे दी थी।
जुआ हारना
जुआ हार जाने पर आदमी जान देने की सोचता है और ऐसे लोगों की बीवियों में आत्महत्या की दर सामान्य से तीन गुना अधिक होती है। इसके अलावा परीक्षा में फेल होने, प्यार में धोखा खाने, शादी न होने, बच्चा न होने, नौकरी न मिलने आदि स्थितियों में आदमी अपनी जान देने की कोशिश करता है।
मादक पदार्थों का उपयोग
एकाकीपन के समय मादक पदार्थों का उपयोग आत्महत्या के जोखिम को बढ़ा देता है। आत्महत्या करने वाले अधिकांश लोग आत्महत्या करते समय नींद की गोली या अन्य तरह के नशे के प्रभाव में होते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि वह देश जहां शराब का अधिक उपयोग किया जाता है या शराब के ठेकों का घनत्व अधिक है, वहां आत्महत्या की दर सर्वाधिक है।
इंटरनेट पर महिमा मंडन
इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री पर रोकथाम न होने से वहां कई नकारात्मक बातों को भी महिमा मंडित कर पेश किया जाता है। तंत्र- मंत्र से जुड़ी साइटों पर बेधड़क आत्मघाती कदमों को महिमामंडित किया जाता है। उचित दिशा निर्देशों के पालन से इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
बीमारियां भी करती हैं प्रेरित
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी आत्महत्या के लिए उकसाती हैं। पुराने दर्द, मस्तिष्क की चोट, कैंसर, एचआईवी, सिस्टमिक ल्युपस एरीथेमाटोटस, बांझपन आदि से पीड़ित व्यक्ति के मन में आत्मघाती विचार आते रहते है।
धार्मिक लोगों में दर कम
धार्मिक होने से किसी व्यक्ति के लिए आत्महत्या करने का खतरा कम हो जाता है। इसका कारण यह है कि प्राय: सभी धर्मों में आत्महत्या को नकार दिया गया है। ईसाई धर्म में आत्महत्या को पाप माना जाता है। यहूदी धर्म में इसकी मान्यता नहीं है। हिंदू और इस्लाम धर्म में आत्महत्या की अनुमति नहीं है।
पक्षी भी करते हैं आत्महत्या
असम के जटिंगा नामक गांव में पक्षियों को सामूहिक आत्महत्या करते देखा जा सकता है। मानसून के आखिर में विशेषकर अमावस की रात में जटिंगा की तरफ आते हुए पक्षी जमीन पर गिरकर दम तोड़ देते हैं।
अलग देश, अलग विधान
भारत में आत्महत्या गैरकानूनी है। संयुक्त राज्य अमेरिका में आत्महत्या गैरकानूनी नहीं है, लेकिन जो इसकी कोशिश करते हैं, उनके लिए दंड का प्रावधान है। हालांकि डॉक्टर की मदद से की गई आत्महत्या वहां वाशिंगटन राज्य में वैध है। यूरोपीय देशों में मध्य युग से कम से कम सन 1800 तक आत्महत्या को अपराध माना जाता था। हालांकि वहां अब इसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा गया है। इंगलैंड व वेल्स ने 1961 और आयरलैंड ने 1993 में आत्महत्या को गैर आपराधिक कर दिया था। वहीं, कई इस्लामिक देशों में यह अब भी दंडनीय अपराध है।