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इस शहर में शाम 7 से 8 बजे के बीच महिलाएं सबसे ज्‍यादा होती हैं छेड़छाड़ की शिकार

बताया जा रहा है कि शहर के पॉश और भीड़भाड़ वाले इलाकों में महिलाएं व छात्राएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। यहां इनके साथ सबसे ज्‍यादा छेड़छाड़ होती है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sun, 15 Apr 2018 02:22 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2018 03:15 PM (IST)
इस शहर में शाम 7 से 8 बजे के बीच महिलाएं सबसे ज्‍यादा होती हैं छेड़छाड़ की शिकार
इस शहर में शाम 7 से 8 बजे के बीच महिलाएं सबसे ज्‍यादा होती हैं छेड़छाड़ की शिकार

इंदौर, नईदुनिया। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के मामले लगभग देश के हर कोने में होते हैं। कहीं ये ज्‍यादा होते हैं, तो कहीं कम। लेकिन इंदौर में महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है। एक एप के जरिए सामने आई इस जानकारी के मुताबिक, इंदौर में शाम 7 से 8 बजे के बीच छेड़छाड़ की सबसे ज्‍यादा घटनाओं को अंजाम दिया जाता है।

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बताया जा रहा है कि शहर के पॉश और भीड़भाड़ वाले इलाकों में महिलाएं व छात्राएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। यहां इनके साथ सबसे ज्‍यादा छेड़छाड़ होती है। वहीं यह भी बात सामने आई है कि शाम 7 से 8 बजे के बीच का समय महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित है। यह खुलासा फाइल एंड क्राइम ट्रैकिंग सिस्टम (फैक्ट्स) वेब ऐप से हुआ है। इसके जरिए चोरी-लूट जैसे गंभीर अपराधों की फैक्ट रिपोर्ट तैयार की गई है। ऐप का एक महीने से ट्रायल चल रहा था। शनिवार को इसकी फाइनल रिपोर्ट तैयार की गई। इस ऐप के ट्रैकिंग सिस्टम से खुलासा हुआ कि विजयनगर, तुकोगंज जैसे क्षेत्र भी असुरक्षित हैं।

लाइव हो जाती है रिपोर्ट

थानों में प्रकरण दर्ज करने के साथ फैक्ट्स में भी एंट्री करना पड़ती है। इसमें अपराध, उसका तरीका, स्थान, फरियादी, समय सहित सभी जानकारी के कॉलम दिए गए हैं। जैसे ही थाने से एफआइआर सबमिट होगी, फैक्ट्स उसे लाइव कर देता है। एआइजी के मुताबिक, इसके साथ ही डीएसआर, बजट, विभागीय जांच, समंस/वारंट, सजा/इनाम, वर्क प्रोग्रेस, आवक/जावक तक की जानकारी फैक्ट्स में उपलब्ध होगी।

ये कदम उठाए

एडीजी ने फैक्ट्स की रिपोर्ट के आधार पर घटनास्थल चिन्हित कर उन इलाकों में पुलिस को गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए। इससे वारदातें कम हुईं और धार-टांडा व देवास से आने वाले चोरों की एंट्री बंद हो गई। समीक्षा में खुलासा हुआ कि वर्तमान में हुई घटनाओं में स्थानीय बदमाशों का हाथ है।


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