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सरकार से जुड़ी समस्याओं का हल खोजने जुटेंगे एक लाख से ज्यादा छात्र

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में हैकथान-2018 की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें पहली 17 राज्यों ने भी भागीदारी की है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 09:24 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 09:24 PM (IST)
सरकार से जुड़ी समस्याओं का हल खोजने जुटेंगे एक लाख से ज्यादा छात्र
सरकार से जुड़ी समस्याओं का हल खोजने जुटेंगे एक लाख से ज्यादा छात्र

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शोध कार्यों को लेकर छात्रों की रूचि को देखते हुए सरकार ने हैकथान-2018 को बड़े पैमाने पर आयोजित करने का फैसला लिया है। जिसमें देश भर के एक लाख से ज्यादा छात्र हिस्सा लेंगे। जो सरकार से जुड़ी समस्याओं का हल खोजेंगे। पहली बार इस आयोजन में छात्रों के सामने साफ्टवेयर और हाईवेयर दोनों तरह की समस्याएं (चैलेंज) रखी गई है। इनमें साफ्यवेयर से जुड़े चैलेंज के लिए 30-31 मार्च को देश के अलग-अलग हिस्सों में परीक्षा होगी। जबकि हाईवेयर के चैलेंज के लिए परीक्षा जून में होगी।

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में हैकथान-2018 की जानकारी देते हुए बताया कि इसमें पहली 17 राज्यों ने भी भागीदारी की है। इसके अलावा 17 मंत्रालयों से जुड़ी समस्याओं को भी चैलेंज में शामिल किया गया है। कुल मिलाकर हैकथान-2018 के लिए छात्रों के सामने 408 से ज्यादा समस्याओं(चैलेंज) को रखा गया है। जो शोध के जरिए इसका हल खोंजेगें। छात्र इस दौरान जिन प्रमुख चैलेंजों का हल खोजेंगे, उनमें राजस्थान के जल संकट से प्रभावित क्षेत्रों में हैंडपंपों की निगरानी और प्रबंधन, जंगल में लगने वाली आग की तत्काल सूचना और पुलिस के लिए वाइस मैचिंग मशीन जैसे विषय रखे गए है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हैकथान -2017 में मिले अच्छे परिणामों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे देश में छात्रों के बीच शोध का माहौल बना है। हैकथान-2017 में छात्रों ने 27 शोध कार्यो को पूरा किया है। इनमें हेल्दी हैबिट और वृद्धावस्था में लोगों को भूलने का समस्या से बचाने के लिए तैयार गए किए मोबाइल गेम काफी अच्छे और उपयोगी शोध रहे है। आयुष मंत्रालय इसे लेकर काम कर रहा है। गौरतलब है कि हैकथान का आयोजन वर्ष 2017 से शुरु किया गया था। पहले हैकथान में देश के 40 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया था।


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