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250 साल में विलुप्त हो गईं पौधों की 500 और जीवों की 217 प्रजातियां, पढ़ें- पूरी खबर

अध्ययन में रॉयल बॉटेनिक गार्डन केव और स्टॉकहोम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने आंकड़ों तक पहुंचने के लिए दुनिया भर की प्रजातियों के विलुप्त होने के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया है।

By Amit SinghEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 11:53 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 12:06 PM (IST)
250 साल में विलुप्त हो गईं पौधों की 500 और जीवों की 217 प्रजातियां, पढ़ें- पूरी खबर
250 साल में विलुप्त हो गईं पौधों की 500 और जीवों की 217 प्रजातियां, पढ़ें- पूरी खबर

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। हाल में किए गए एक नए अध्ययन में विलुप्त हो चुकी पौधों की प्रजातियों की चौंका देने वाली संख्या सामने आई है। शोधकर्ताओं ने पाया कि पिछले 250 वर्षों में पौधों की 500 से अधिक प्रजातियां धरती पर से विलुप्त हो चुकी हैं। यह आंकड़ा विलुप्त पौधों की वर्तमान सूची से चार गुना अधिक है। रॉयल बॉटैनिक गार्डन, केव और स्टॉकहोम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने आंकड़ों तक पहुंचने के लिए दुनिया भर में सभी पौधों के विलुप्त होने के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया है।

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क्या कहता है अध्ययन

अध्ययन में बताया गया है कि पौधों की कितनी प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं, वे कौन सी प्रजातियां हैं, कहां से गायब हुईं और भविष्य में इसे रोकने के लिए क्या सबक सीखा जा सकता है।

तेजी से घटती संख्या

पक्षियों, स्तनधारियों और उभयचरों की गायब हो चुकी 217 प्रजातियों की तुलना में विलुप्त हो चुकी पौधों की प्रजातियों की संख्या दो गुना से भी अधिक है। विलुप्त हुईं कुछ प्रमुख प्रजातियां...

बैंडेड ट्रिनिटी: 1916 में शिकागो में आखिरी बार देखा गया।

चिली सैंडलवुड: यह पेड़ चिली और ईस्टर द्वीप के बीच जुआन फर्नांडीज द्वीप में पाया जाता था।

सेंट हेलेना ओलिव: पहली बार 1805 में दक्षिण अटलांटिक में सेंट हेलेना द्वीप पर खोजा गया था। लेकिन दीमक के हमले और फंगल संक्रमण के कारण 2003 में यह पेड़ पूरी तरह से विलुप्त हो गया।

पैदा हो सकता है गंभीर संकट

पृथ्वी पर जीवन पौधों पर निर्भर करता है, जो हमें ऑक्सीजन और भोजन प्रदान करते हैं। पौधे विलुप्त होने से उन जीवों के विलुप्त होने का खतरा बढ़ सकता है, जो उन पर निर्भर हैं। इनमें मनुष्य भी शामिल हैं।

इन क्षेत्रों में विलुप्ती की दर ज्यादा द्वीप, उष्णकटिबंधीय और भूमध्यसागरीय जलवायु वाले क्षेत्रों में पौधों के विलुप्त होने की उच्चतम दर पाई गई।

विलुप्ति की वजह

वैज्ञानिक इसकी मुख्य वजह मानवीय हस्तक्षेप मानते हैं। बहुत से देशों में जंगलों को खेती के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ऐसे बहुत से पौधे हैं, जिनके भोजन अथवा औषधी के रूप में इस्तेमाल की संभावना तलाशने से पहले ही वे विलुप्त हो जाएंगे।

हम क्या सबक सीख सकते हैं

पौधों की प्रजातियों की विलुप्ति को रोकने के लिए शोधकर्ताओं ने कई उपाय सुझाये हैं।

  • अपने आस-पास के पौधों का रिकॉर्ड रखें।
  • हर्बेरिया का समर्थन करें, जो वैज्ञानिक अध्ययन के लिए उपयोग किए जाने वाले संरक्षित पौधों के नमूनों और संबंधित आंकड़ों का एक संग्रह है।
  • वनस्पति विज्ञानियों का समर्थन करें, जो महत्वपूर्ण शोध करते हैं।
  • बच्चों को स्थानीय पौधों को देखना और पहचानना सिखाएं। 

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