UP Election: 51 फीसद उम्मीदवार स्कूल से आगे नहीं बढ़े और उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के दावे
इस तरह से कुल 1858 यानि 50.8 फीसद उम्मीदवार 12वीं या इससे कम पढ़े-लिखे हैं। ऐसा भी नहीं है कि उच्च शिक्षा वाले नेताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है।
By Digpal SinghEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 12:19 PM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 04:15 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। तमाम सरकारें देश और अपने प्रदेश में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने की बातें करने के साथ ही बड़े-बड़े दावे भी करती हैं। उत्तर प्रदेश भी इस मामले में पीछे नहीं है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हर कोई राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का वादा और दावा दोनों कर रहे हैं। लेकिन एक बार राजनीतिक पार्टियों द्वारा चयनित उम्मीदवारों की तरफ नजर दौड़ाएंगे तो वादों और दावों के पीछे की हकीकत कुछ और ही नजर आएगी।
उत्तर प्रदेश में चार चरण का मतदान हो चुका है और पांचवें चरण के तहत सोमवार को वोट पड़ रहे हैं। पांचों चरणों को एक साथ मिलाकर बात करें तो 3683 में से एडीआर ने 3660 उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों का आकलन किया है। अबतक 1533 यानी 42 फीसद उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच बतायी है। जबकि 272 यानि 7.4 फीसद ने बताया है कि वे साक्षर हैं और कुल 51 यानि 1.4 फीसद उम्मीदवार निरक्षर हैं।
इस तरह से कुल 1858 यानि 50.8 फीसद उम्मीदवार 12वीं या इससे कम पढ़े-लिखे हैं। ऐसा भी नहीं है कि उच्च शिक्षा वाले नेताओं को उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। कुल 1716 यानि 47 फीसद उम्मीदवारों ने ग्रेजुएशन या इससे ज्यादा की शिक्षा ग्रहण की है।
सिर्फ पांचवें चरण की भी बात की जाए तो 266 यानि 43 फीसद उम्मीदवारों ने 5वीं से 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है, जबकि 38 प्रत्याशियों ने खुद को शिक्षित और 9 ने बताया है कि वे अशिक्षित हैं। इस तरह से कुल 131 यानि 51.2 फीसद उम्मीदवार 12वीं या इससे कम पढ़े लिखे हैं, जबकि 285 यानि करीब 47 फीसद उच्च शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं।
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