केरल में एक से 20 अगस्त तक मिल सकते हैं 4.6 लाख मामले, राज्य का दौरा करने वाली केंद्रीय टीम ने जताई आशंका
टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सभी आठ जिलों में कोरोना की संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक पाई गई और कुछ स्थानों पर यह बढ़ती हुई पाई गई। 80 प्रतिशत से अधिक मामले डेल्टा वैरिएंट के हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केरल के आठ जिलों का दौरा कर चुकी छह सदस्यीय एक केंद्रीय टीम ने कहा है कि एक अगस्त से 20 अगस्त तक राज्य में कोरोना संक्रमण के करीब 4.6 लाख मामले सामने आ सकते हैं।
केंद्रीय टीम का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के निदेशक डा. सुजीत सिंह ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ओणम का त्योहार (20 अगस्त) नजदीक आने के साथ पाबंदियां हटाने की गतिविधियों और पर्यटन स्थलों को खोलने से चुनौतिपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है जो चिंता का विषय है।
केंद्र ने मंगलवार को कहा कि देश में पिछले सात दिनों में सामने आए कोरोना के आधे से अधिक मामले केरल से हैं। सिंह ने कहा कि इस दक्षिणी राज्य में टीके की दोनों डोज के बाद भी अधिक संख्या में दोबारा संक्रमण के मामले मिले हैं और इस विषय की जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, पथनमथिट्टा जिले में पहली डोज लेने के बाद 14,974 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे जबकि दोनों डोज लेने के बाद 5,042 लोग संक्रमित हुए।
टीम द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सभी आठ जिलों में कोरोना की संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक पाई गई और कुछ स्थानों पर यह बढ़ती हुई पाई गई। 80 प्रतिशत से अधिक मामले डेल्टा वैरिएंट के हैं।
सिंह ने कहा, 'केरल में मौजूदा आरटी वैल्यू 1.12 है। मौजूदा रूझान जारी रहने पर एक अगस्त से 20 अगस्त की अवधि में करीब 4.62 लाख मामले सामने आ सकते हैं।' उल्लेखनीय है कि किसी भी रोग के फैलने की दर को 'रिप्रोडक्शन नंबर' या 'आरटी वैल्यू' कहा जाता है।
टीम ने हाल में कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, अलप्पुझा, कोल्लम, पथनमथिट्टा और तिरूअनंतपुरम जिलों का दौरा किया था। सिंह ने कहा कि यात्रा के दौरान उन्होंने पाया कि कंटेनमेंट जोन केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं बनाए गए थे।