Delhi-NCR में 2000 ने तोड़ा कानून, जानें- क्या है IPC, पाक-बंग्लादेश समेत 8 देशों में है लागू
157 वर्ष पहले ब्रिटिश राज में लागू की गई भारतीय दंड संहिता में अाजादी के बाद कई संशोधन हुए। बावजूद अाज भी अंग्रेजों के जमाने का कानून लागू होने पर सवाल उठते रहे हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। 31 दिसंबर की रात पूरे देश में नए साल का जोरदार स्वागत हुआ। नए साल के जश्न में हजारों लोगों ने जमकर कानून की धज्जियां उड़ाईं। दिल्ली-एनसीआर के पुलिस कंट्रोल रूम में रात भर हुड़दंगियों की शिकायत व सूचना के लिए फोन घनघनाते रहे। केवल दिल्ली-एनसीआर में ही 2000 से ज्यादा लोगों ने 31 दिसंबर की रात कानून तोड़ा, इनमें से अकेले दिल्ली में 509 मामले सामने आए। दिल्ली में हुड़दंग व हर्ष फायरिंग के दो मामले सामने आए। इनमें से एक में बच्चे की मौत हो गई, जबकि दूसरे बच्चे की हालत गंभीर है। इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की अलग-अलग धाराओं के तहत कार्रवाई की गई।
157 साल पहले लागू हुई थी IPC
क्या आप जानते हैं कि 157 साल पहले आज ही के दिन (1 जनवरी 1862 को) नव वर्ष पर IPC लागू हुई थी। ब्रिटिश शासन में लॉर्ड मैकाले ने वर्ष 1860 में भारतीय दंड संहिता यानी इंडियन पीनल कोड (IPC) का प्रारूप तैयार किया था। IPC में कुल 511 धाराएं हैं, जिन्हें 23 अध्यायों में परिभाषित किया गया है। वर्ष 2013 तक IPC में तकरीबन 76 संशोधन किए जा चुके हैं। इन संशोधनों के तहत कुछ कानूनों को हटा दिया गया है, तो कई धाराओं को और सख्त किया गया है। वक्त-वक्त पर संसद द्वारा IPC में संशोधन किया जाता रहा है। विशेषकर भारत की आजादी के बाद इसमें कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
इन देशों में भी है IPC
भारतीय दंड संहिता, यहां के किसी भी नागरिक द्वारा किए गये कुछ अपराधों को परिभाषित करता है। साथ ही दंड का भी प्रावधान करता है। हालांकि ये जम्मू एवं कश्मीर और भारत की सेनाओं पर लागू नहीं होती है। जम्मू एवं कश्मीर में इसके स्थान पर रणबीर दंड संहित (RPC) लागू होती है। भारतीय दंड संहिता, हिन्दुस्तान के अलावा, पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश और पाकिस्तान में पाकिस्तान पीनल कोड के नाम से लागू है। इसी तरह ये कानून उस दौर में ब्रिटिश सत्ता के अधीन आने वाले बर्मा, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, ब्रुनेई आदि देशों में भी लागू किया गया था।
भारतीय दंड संहिता की कुछ प्रमुख धाराएं
धारा अपराध
307 हत्या की कोशिश
302 हत्या
376 दुष्कर्म
395 डकैती
377 अप्राकृतिक यौन शोषण
396 डकैती के दौरान हत्या
120 आपराधिक साजिश रचना
201 साक्ष्य मिटाना
412 छीनाझपटी
378 चोरी
141 विधि विरुद्ध जमाव
191 मिथ्या साक्ष्य देना
309 आत्महत्या का प्रयास
310 ठगी करना
312 गर्भपात करना
351 हमला करना
354 स्त्री की लज्जा भंग करना
445 गृहभेदन
499 मानहानि
भारतीय दंड संहिता की संरचना
अध्याय धाराएं विवरण
एक 1-5 सामान्य परिचय
दो 6-52 व्याख्याएं
तीन 53-75 सजाएं
चार 76-106 कुछ अपवाद
पांच 107-120 दुष्प्रेरण
पांच ए 120A-120B आपराधिक साजिश
छह 121-130 राज्य के खिलाफ अपराध
सात 131-140 सेनाओं से जुड़े अपराध
आठ 141-160 सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध
नौ 161-171 सार्वजनिक नौकरियों से संबंधित अपराध
नौ ए 171A-171(I) चुनाव से संबंधित अपराध
दस 172-190 सरकारी कर्मचारियों की वैध प्राधिकरण का विचार
ग्यारह 191-229 झूठे साक्ष्य और लोक न्याय के खिलाफ अपराध
बारह 230-263 सिक्का और सरकारी टिकटों से संबंधित अपराध
तेरह 264-267 वजन और उपायों से संबंधित अपराध
चौदह 268-294 सार्वजनिक स्वास्थ्य, सुरक्षा, सुविधा, न्याय व नैतिकता को प्रभावित करने वाले अपराध
पंद्रह 295-298 धर्म से संबंधित अपराध
सोलह 299-377 मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराध
सत्रह 378-462 संपत्ति के खिलाफ अपराध
अठारह 463-489E दस्तावेजों और संपत्ति के निशान से संबंधित अपराध
उन्नीस 490-492 सेवा संविदा के आपराधिक उल्लंघन
बीस 493-498 विवाह से संबंधित अपराध
बीस ए 498A पति या पति के रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता
इक्कीस 499-502 मानहानि
बाइस 503-510 आपराधिक धमकी, अपमान और झुंझलाना
तेईस 511 अपराधों को प्रतिबद्ध करने का प्रयास