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एससी-एसटी के साथ होने वाले अत्याचारों पर अब ज्यादा मदद

हत्या या दिव्यांगता की स्थिति में उनके परिवारों को अब सवा आठ लाख रुपए मिलेंगे, जबकि एससी-एसटी वर्ग की दुष्कर्म पीडि़त महिलाओं को पांच लाख रुपए मिलेंगे।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 28 Dec 2017 10:20 PM (IST)Updated: Thu, 28 Dec 2017 10:20 PM (IST)
एससी-एसटी के साथ होने वाले अत्याचारों पर अब ज्यादा मदद
एससी-एसटी के साथ होने वाले अत्याचारों पर अब ज्यादा मदद

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। दलित और आदिवासियों (एससी-एसटी) के साथ होने वाले अत्याचारों पर अब उन्हें पहले के मुकाबले ज्यादा मदद मिलेगी। हत्या या दिव्यांगता की स्थिति में उनके परिवारों को अब सवा आठ लाख रुपए मिलेंगे, जबकि एससी-एसटी वर्ग की दुष्कर्म पीडि़त महिलाओं को पांच लाख रुपए मिलेंगे। केंद्र सरकार ने अंबेडकर फाउंडेशन की ओर से दलित और आदिवासियों के साथ होने वाले अत्याचारों पर दी जाने वाली मदद की राशि में यह बढ़ोतरी की है। अब तक इस स्कीम के तहत सिर्फ एसटी के साथ होने वाले अत्याचारों पर ही मदद दी जाती थी। इसमें हत्या पर पांच लाख और दिव्यांगता पर तीन लाख और डेढ लाख रुपए की मदद देने का प्रावधान था।

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन काम करने वाले अंबेडकर फाउंडेशन ने एसटी-एसटी के साथ होने वाले अत्याचारों पर दी जाने वाली मदद की स्कीम में भी कई बड़े बदलाव किए है। इसके तहत स्कीम में पहली बार एससी के साथ एसटी को भी शामिल किया है। अब तक इस स्कीम के तहत सिर्फ एससी को ही मदद दी जाती थी। इसके अलावा स्कीम के तहत दी जाने वाली राशि की प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। यह राशि अब सीधे पीडि़त परिवार के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

वहीं मदद राशि का भुगतान भी दो हिस्सों में होगा, इनमें आधी राशि अब हत्या की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलते ही जारी की जाएगी, जबकि आधी राशि कोर्ट मे चार्जशीट पेश होने पर दी जाएगी। अंबेडकर फाउंडेशन की ओर से दलितों के साथ होने वाले अत्याचारों पर दी जाने वाली मदद के लिए तैयार की गई इस स्कीम में इससे पहले वर्ष 2013 में बदलाव किया गया था।

अंबेडकर फाउंडेशन ने दलितों और आदिवासियों को दी जाने वाली मदद में यह बढ़ोतरी राज्यों की ओर से इन्हें मिलने वाली मदद की राशि में बढ़ोतरी के बाद की गई है। फाउंडेशन ने हिंसा के चलते बेघर दलित और आदिवासियों की मदद का भी प्रावधान रखा है। इन्हें बेघर होने की दशा में तीन लाख रुपए की मदद मिलेगी। पीडि़त परिवारों को मदद के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर फाउंडेशन को आवेदन करना होगा। फिलहाल फाउंडेशन की इस पहल को सरकार की दलितों और आदिवासियों के साथ बढ़ती हमदर्दी से जोड़कर देखा जा रहा है।

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