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Moosewala Case: गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई को नहीं मिल रहा कोई वकील, पिता ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, 11 जुलाई को होगी सुनवाई

Moosewala Case अधिवक्ता संग्राम सिंह सरोन ने कहा कि बिश्नोई ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी है लेकिन उनकी ओर से कोई वकील खड़ा नहीं होना चाहता। इसलिए उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 04:15 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 08:39 PM (IST)
Moosewala Case: गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई को नहीं मिल रहा कोई वकील, पिता ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार, 11 जुलाई को होगी सुनवाई
कोई भी वकील लारेंस बिश्नोई का प्रतिनिधित्व करने को तैयार नहीं

नई दिल्ली, प्रेट्र। गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने शिकायत की है कि पंजाब में वकील उनके बेटे का बहिष्कार कर रहे हैं। वे उसका मुकदमा लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। जेल में बंद गैंगस्टर के पिता की ओर से पेश अधिवक्ता संग्राम सिंह सरोन ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला की खंडपीठ से कहा कि उन्होंने दिल्ली की एक अदालत के ट्रांजिट रिमांड आदेश को चुनौती दी है, लेकिन पंजाब की मानसा अदालत में कोई भी वकील बिश्नोई का मुकदमा नहीं लड़ना चाहता।

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उन्होंने कहा कि बिश्नोई ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश को भी चुनौती दी है, लेकिन उनकी ओर से कोई वकील खड़ा नहीं होना चाहता। इसलिए, उन्होंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। खंडपीठ ने कहा कि यह पूरी तरह से गैर न्यायोचित है। बिश्नोई को वकील उपलब्ध कराने केलिए याचिकाकर्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

सरोन ने कहा कि वह ट्रांजिट रिमांड के दिल्ली की अदालत के आदेश को चुनौती दे रहे हैं, क्योंकि यह बिश्नोई की याचिका पर शीर्ष अदालत द्वारा पारित कुछ निर्देशों के विपरीत है। इस पर पीठ ने कहा कि चूंकि पंजाब पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह बहुत प्रारंभिक चरण में है। इस अदालत केलिए इस स्तर पर हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा।

11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

न्यायालय ने कहा कि हत्या पंजाब के मानसा में हुई। इसलिए, मामले की जांच करना पंजाब पुलिस का अधिकार क्षेत्र है। पुलिस बिश्नोई को रिमांड पर ले सकती है। पीठ 11 जुलाई को बिश्नोई के पिता की याचिका पर सुनवाई करेगी।

बता दें कि मूसेवाला हत्याकांड में दिल्ली की एक अदालत ने 14 जून को बिश्नोई को पंजाब ले जाने के लिए पंजाब पुलिस को ट्रांजिट रिमांड दिया था। अदालत ने आदेश पारित किया था क्योंकि पंजाब पुलिस ने मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार करने के बाद बिश्नोई को उसके सामने पेश किया था। इसने राज्य पुलिस को मामले के संबंध में बिश्नोई को मानसा अदालत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया था। पंजाब पुलिस ने कहा था कि मूसेवाला की हत्या एक अंतर-गिरोह का परिणाम है और इसमें बिश्नोई गिरोह शामिल था।

गौरतलब है कि मूसेवाला की 29 मई को पंजाब के मनसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनके साथ जीप में यात्रा कर रहे उनके चचेरे भाई और एक दोस्त भी हमले में घायल हो गए थे।


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