Monsoon 2020: मानसूनी बारिश से जलाशय हुए लबालब, खेती में बंपर पैदावार के हैं आसार
Monsoon 2020 कोरोना महामारी के दौरान अर्थ व्यवस्था भले ही बुरी तरह प्रभावित हुई हो लेकिन कृषि क्षेत्र के लिए यह समय सबसे बेहतर साबित हुआ है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून की शानदार बरसात से देश के सभी जलाशय लबालब भर गए हैं। मानसून की व्यापक सक्रियता से खरीफ सीजन की अच्छी खेती के आसार बन गए हैं। इसका असर आगामी रबी सीजन पर भी पड़ेगा। समय पर हुई बारिश के चलते हुई बोआई से फसलों की बंपर पैदावार की संभावना बनने लगी है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले एक डेढ़ दशक के दौरान पहली बार मानसून इतना शानदार रहा है, जो खेती के लिहाज से बहुत ही अच्छा है।
कोरोना महामारी के दौरान अर्थ व्यवस्था भले ही बुरी तरह प्रभावित हुई हो, लेकिन कृषि क्षेत्र के लिए यह समय सबसे बेहतर साबित हुआ है। रबी फसलों की कटाई से लेकर खरीफ सीजन की बोआई समय पर से हो रही है। निर्धारित समय से पहले मानसून की व्यापक सक्रियता से खरीफ सीजन में फसलों की बोआई अंतिम दौर में है। लगभग तीन चौथाई रकबा में खरीफ की खेती हो चुकी है। राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की बरसात 10 फीसद अधिक हो चुकी है। हालांकि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और आसपास में बरसात जरूर कम हुई है, लेकिन इन राज्यों में खेती शत प्रतिशत सिंचित होने की वजह से पैदावार पर बहुत बुरा असर नहीं पड़ेगा।
धान और दलहन की बोआई में उत्साहजनक वृद्धि
कृषि मंत्रालय की ओर से जारी फसलों की बोआई के आंकड़ों के मुताबिक चालू सप्ताह में 6.92 करोड़ हेक्टेयर रकबा में खेती हो चुकी है। जबकि पिछले साल इसी सप्ताह तक केवल 5.71 करोड़ हेक्टेयर में बोआई हो सकी थी। यह पिछले सीजन के मुकाबले 21.2 फीसद अधिक है। सीजन की प्रमुख फसल धान समेत दलहन व तिलहन के बोआई रकबा में उत्साहजनक वृद्धि हुई है।
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों के मुताबिक एक जून से लेकर 16 जुलाई के दौरान हुई जबर्दस्त बारिश के चलते देश के 123 प्रमुख जलाशयों में जल का स्तर पिछले साल के मुकाबले डेढ़ सौ फीसद अधिक भरा हुआ है। जबकि 10 सालों के औसत जल स्तर के मुकाबले 133 फीसद है। जलाशयों में जल भंडारण की ताजा स्थिति से कृषि क्षेत्र की संभावनाएं बहुत अच्छी हो गई हैं। आइसीएआर के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर मंगला राय का कहना है कि खेती की दृष्टि से यह सीजन शानदार साबित हुआ है। मानसून की बारिश भी समय और स्थान के हिसाब से बहुत संतोषजनक हुई है। बारिश का वितरण अच्छा रहा, जो खेती के लिहाज से बेहतर कहा जाएगा।