मानसून में देरी की संभावना, केरल में चार से सात जून तक देगा दस्तक; यूपी-बिहार को करना होगा इंतजार
स्काईमेट के प्रवक्ता ने कहा अरब सागर में बनने वाले चक्रवात की दिशा आमतौर पर ओमान की तरफ होती है लेकिन भारत भी इसके असर से अछूता नहीं रह पाता है। इस चक्रवात के चलते भारतीय महाद्वीप की नमी युक्त हवाएं रुक जाती हैं जिससे मानसून में व्यवधान आता है।
नई दिल्ली, अरविंद शर्मा। भारत के दक्षिणी द्वार पर मानसून का इंतजार अब खत्म होने वाला है। केरल में चार से सात जून के दौरान यह कभी भी दस्तक दे सकता है, लेकिन आगे बढ़ने के रास्ते में व्यवधान से इन्कार नहीं किया जा सकता।
मौसम विज्ञानियों का अध्ययन बता रहा है कि अरब सागर में चक्रवात के आसार बन रहे हैं, जिसकी चपेट में मानसून आ सकता है और बदली हुई परिस्थिति में बिहार-यूपी में इसके आने में सात से आठ दिन की देर हो सकती है।
सामान्य तौर पर मानसून के बंगाल में प्रवेश की तिथि आठ जून है। बिहार में दस जून और अगले चार-पांच दिनों में यूपी में प्रवेश कर जाता है। मानसून जब केरल के तटीय भाग में प्रवेश के बाद अन्य राज्यों की ओर बढ़ रहा होगा लगभग उसी दौरान अरब सागर में चक्रवात की स्थिति बन रही होगी। पांच से छह जून के बीच चक्रवात के बनने एवं आगे बढ़ने की आशंका व्यक्त की गई है, जो मानसून की दशा-दिशा को स्पष्ट तौर पर प्रभावित करेगा।
अरब सागर में बनने वाले चक्रवात बिगाडे़गा मानसून की रफ्तार
मौसम पर काम करने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट के प्रवक्ता महेश पलावत का मानना है कि अरब सागर में बनने वाले चक्रवात की दिशा आमतौर पर ओमान की तरफ होती है, लेकिन भारत भी इसके असर से अछूता नहीं रह पाता है। इस चक्रवात के चलते भारतीय महाद्वीप की नमी युक्त हवाएं रुक जाती हैं, जिससे मानसून में व्यवधान आता है।
पलावत का कहना है कि केरल के बाद कर्नाटक एवं महाराष्ट्र के सीमावर्ती भागों में मानसून बेधड़क आ सकता है, किंतु उसके आगे तमिलनाडु, तेलंगाना आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र के शेष हिस्सों के साथ अन्य राज्यों में प्रवेश से पहले मानसून की गति सुस्त हो सकती है। ऐसे में एक सप्ताह तक देर हो सकती है।
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह प्रारंभिक आकलन है। थोड़ा इंतजार कर लीजिए। आगे की प्रगति देखने के बाद ही स्पष्ट तौर पर कुछ कहा जा सकता है। अरब सागर में पांच-छह जून से निम्न दाब का क्षेत्र बनना शुरू हो जाएगा, जो अगले छह से सात दिनों तक प्रभावी रह सकता है।
मानसून एक सप्ताह की देरी से चल रहा
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून को 22 से 26 मई तक अंडमान निकोबार द्वीप समूह को पार कर बंगाल की खाड़ी में आगे बढ़ जाना चाहिए था, किंतु यह 31 मई को पहुंचा है। इस तरह मानसून सामान्य गति की तुलना में लगभग एक सप्ताह विलंब से चल रहा है।
आइएमडी कोलकाता शाखा के मौसम विज्ञानी एके सेन के अनुसार, केरल में मानसून की दस्तक के बाद ही बिहार-यूपी समेत अन्य राज्यों में पहुंचने का आकलन किया जा सकता है। इस बीच केरल में प्री-मानसून की वर्षा जारी है। लगभग दस दिनों तक ठहराव के बाद पश्चिमी तट पर मानसून की प्रगति दिखने लगी है। मौसम विभाग ने मानसून के केरल में प्रवेश की तिथि चार जून बता रखी है।