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Monkeypox Guidelines India: भारत में तेजी से बढ़ रहे मंकीपाक्स के मामले, पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन

Monkeypox Guidelines India केरल के बाद अब दिल्ली में भी मंकीपाक्स का मामला मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय मंकीपाक्स पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से निगरानी बढ़ाने को कहा है। मंकीपाक्स को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइंस भी जारी की हैं।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Sun, 24 Jul 2022 12:12 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jul 2022 12:12 PM (IST)
Monkeypox Guidelines India: भारत में तेजी से बढ़ रहे मंकीपाक्स के मामले, पढ़ें- स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइन
भारत में बढ़ रहे मंकीपाक्स के मामले।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत में एक महीने पहले मंकीपाक्स ने दस्तक दी थी। केरल में मिले पहले केस के बाद मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। एक महीने के अंदर ही तीन केस और मिल गए हैं। इस बीच दिल्ली (Monkeypox Case in Delhi) में भी आज मंकीपाक्स ने दस्तक दे दी है। दिल्ली में एक 31 साल के व्यक्ति में मंकीपाक्स पाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शख्स ने कोई विदेश यात्रा भी नहीं की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। मंत्रालय ने राज्य सरकारों से निगरानी बढ़ाने को कहा है। मंकीपाक्स को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइंस (Monkeypox Guidelines India) भी जारी की हैं।

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यह है पूरी गाइडलाइन...

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से सबको बचना चाहिए।
  • निर्देशों में यह भी कहा गया कि त्वचा या जननांग वाले हिस्सों में अगर किसी को घाव हो तो उनके साथ निकट संपर्क ना रखें।
  • किसी भी जानवरों के साथ फिलहाल संपर्क न रखें। मंत्रालय ने चूहे, गिलहरी और बंदरों से भी दूरी बनाने को कहा है।
  • जंगली जानवरों और उनसे जुड़े अन्य लोगों से भी दूरी बनाने को कहा गया है।
  • अफ्रीका के जंगली जानवरों से बनाए गए उत्पाद जैसे क्रीम, लोशन आदि का उपयोग भी ना करें
  • बीमार लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली दूषित सामग्री को भी त्यागना होगा

WHO ने कहा- मौत की आशंका कम 

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) की माने तो मंकीपाक्‍स वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति की मौत की आशंका काफी कम है। संगठन के अनुसार आंकड़ों से पता चला है कि कुल मामलों के 1 से 10 फीसद लोगों की मौत इस बीमारी से हो सकती हैं, यह भी बीमारी के लक्षण और स्‍टेज पर निर्भर है।

हालांकि डब्ल्यूएचओ ने इस ग्‍लोबल हेल्‍थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। संगठन का कहना है कि किसी भी नवजात शिशु को यह बिमारी होना सबसे बड़ी चिंता का विषय होगा।


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