स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जारी की गाइडलाइंस
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे हेल्थ केयर वर्कर्स यानि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे हेल्थ केयर वर्कर्स यानि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों और अन्य हॉस्पिटलों दोनों के लिए जारी किए गए हैं। मंत्रालय ने अस्पतालों को सलाह दी है कि वे अपने यहां के अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समितियों (एचआईसीसी) को सक्रिय करें। इन समितियों पर अस्पतालों में संक्रमण बचाव एवं नियंत्रण (आईपीसी) तथा कर्मचारियों के सामान्य प्रशिक्षण की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि हर अस्पताल एक नोडल ऑफिसर (संक्रमण नियंत्रण अधिकारी) नियुक्त करे। यह नोडल ऑफिसर स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने से जुड़ी सभी चीजों/बातों का ख्याल रखेगा। नोडल अधिकारी सुनिश्चित करेगा कि अस्पतालों में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से तय दिशा-निर्देश के आधार पर अपने जोन के खतरे के अनुरूप पीपीई का उपयोग करें।
साथ ही दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी हेल्थकेयर वर्कर्स की प्रतिदिन थर्मल स्क्रीनिंग होनी चाहिए। एल्कोहल आधारित हैंड सेनेटाइजर, मास्क, गलव्स और अन्य सामान स्वास्थ्य कर्मियों को उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही जो स्वास्थ्यकर्मी पीपीई किट और अन्य दिशा-निर्देशों का पालन न करे, उसके बारे में तुरंत सूचित किया जाए।
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब ये बढ़कर चीन से भी अधिक हो गई है। हालांकि, भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों के प्रतिशत में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इधर, लॉकडाउन में भी काफी छूट दी गई हैं। जरूरी सामान के साथ शराब की दुकाने भी ज्यादातर राज्यों में खुल गई है। ऐसे में अस्पतालों को आम लोगों के साथ-साथ हेल्थकेयर वर्कर्स को भी सुरक्षित रखने की जरूरत है।