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मोहन भागवत ने कहा- कोरोना ने विश्व को बताया, भारत से ही निकलता है सुख-शांति का मार्ग

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना ने पूरे विश्व को बताया कि सुख-शांति का मार्ग भारत से ही निकलता है। कला केवल मनोरंजन का विषय मात्र नहीं बल्कि सुंदर अभिव्यक्ति है। यह मनुष्य को सत्यम शिवम सुंदरम की ओर ले जाती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 10:57 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 10:57 PM (IST)
कला जगत स्वायत्त नहीं, कुछ करने के लिए सरकार के पास जाना पड़ता है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना ने पूरे विश्व को बताया कि सुख-शांति का मार्ग भारत से ही निकलता है। कला केवल मनोरंजन का विषय मात्र नहीं, बल्कि सुंदर अभिव्यक्ति है। यह मनुष्य को सत्यम, शिवम, सुंदरम की ओर ले जाती है। सत्य में शिवत्व को देखना है तो उसमें करुणा आवश्यक है। कला संवेदना की अभिव्यक्ति है और हम सबको इसके प्रवाह को सुरक्षित रखना होगा।

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मोहन भागवत ने संस्कार भारती के नवनिर्मित मुख्यालय कला संकुल का किया लोकार्पण

मोहन भागवत शुक्रवार को यहां दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित संघ के अनुषांगिक संगठन संस्कार भारती के नवनिर्मित मुख्यालय कला संकुल के लोकार्पण के मौके पर विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व ने पश्चिम की मनरंजन आधारित कला को चुना था, जिसमें पूर्णता नहीं है। इसलिए विश्व भटक रहा है। जब कोरोना काल आया तो विश्व को पता चला कि इसके लिए भारत के पास जाना होगा, क्योंकि भारत उस मूल तक जाता है जहां से सुख की भावना पैदा होती है।

भागवत ने कहा- कला जगत स्वायत्त नहीं, कुछ करने के लिए सरकार के पास जाना पड़ता है

उन्होंने आशा व्यक्त की कि 'कला संकुल' के माध्यम से सभी कलाओं के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए ठोस प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि आज का कला जगत स्वायत्त नहीं है, समाज आधारित नहीं है। कुछ करने के लिए उसे बराबर सरकार के पास जाना पड़ता है। यही काम अंग्रेजों ने किया था। गुरुकुल को समाप्त करने की कोशिश की थी, लेकिन आज गुरुकुल फिर से खड़ा हो रहा है।

समाज को जोड़ने का होगा काम

संस्कार भारती के संरक्षक पद्मश्री बाबा योगेंद्र ने कहा कि कलाकारों के माध्यम से समाज को जोड़ने और दिशा देने का काम इस 'कला संकुल' के माध्यम से होगा। हमारा ध्येय है कि देश में शांति, आनंद, परिश्रम और भक्ति का माहौल बने। हमारा यह गतिविधि केंद्र कला एवं कला साधकों को साथ लेकर राष्ट्र निर्माण में जुटेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता फिल्म अभिनेता व राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष परेश रावल ने ऑनलाइन माध्यम से की। भागवत व संघ के नए सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने दीप प्रज्ज्वलन कर और नारियल फोड़कर इसका उद्घाटन किया। सरसंघचालक के हाथों के ¨प्रट भी लिए गए, जिन्हें संस्कार भारती 'कला संकुल' में संरक्षित करेगी।

कलाकारों ने प्रस्तुत किया रागदेश

इस अवसर पर लोक गायिका मालिनी अवस्थी, भजन गायक अनूप जलोटा के अलावा अनवर आली खान, सुगंधा शर्मा, वसीफुद्दीन डागर, पंडित धर्मनाथ मिश्र और पंडित रामकुमार मिश्र समेत अन्य कलाकारों ने मनमोहक 'रागदेश' प्रस्तुत किया।

केंद्रीय मंत्री जावडेकर, रिजिजू समेत अनेक विभूतियां उपस्थित थीं

इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर, केंद्रीय युवा एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरण रिजिजू, संघ के पूर्व सरकार्यवाह भय्या जी जोशी, सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य व अरुण कुमार, संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार व प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे. नंदकुमार, समेत अनेक विभूतियां उपस्थित थीं।


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