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तमिलनाडु: पोंगल उत्सव में शामिल हुए मोहन भागवत; पढ़ा संत तिरुवलुवर का दोहा

गुरुवार को तमिलनाडु में खूब धूमधाम के साथ पोंगल का उत्सव मनाया गया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए और उन्होंने संत तिरुवलुुुुवर रचित एक दोहा पढ़कर सबको सुनाया। वे वहां दो दिवसीय दौरे पर हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 06:48 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 06:48 PM (IST)
तमिलनाडु: पोंगल उत्सव में शामिल हुए मोहन भागवत; पढ़ा संत तिरुवलुवर का दोहा
पोंगल के उत्सव में मोहन भागवत (फाइल फोटो)

चेन्नई, प्रेट्र। तमिलनाडु के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को पोंगल के उत्सव में शामिल हुए और अचानक संगठन के एक कार्यकर्ता के घर जाकर तमिल भाषा का वेद माने जाने वाले तिरुकुरल का एक दोहा पढ़कर सुनाया। उन्होंने इस अवसर पर गाय की पूजा भी की। उल्लेखनीय है कि इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी तमिलनाडु का दौरा किया। वे गुरुवार को मदुरै पहुंचे और यहां आयोजित जलीकट्टू खेल देखा।  इसके बाद उन्होंने कहा कि इस तमिलनाडु दौरे के जरिए वे तमिल लोगों के साथ बुरा बर्ताव करने वालों को संदेश देना चाहते हैं। पोंगल के अवसर पर यहां आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में राहुल गांधी के साथ द्रमुक की युवा इकाई के सचिव उदयनिधि स्टालिन, कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के एस अलागिरी और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी भी मौजूद थे।

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भागवत ने गुरुवार को संघ कार्यकर्ता के घर में उसकी बेटी से वार्तालाप में आत्मसंयम को लेकर तमिल संत तिरुवलुवर के लिए तिरुकुरल का एक दोहा सुनाया। भागवत के तमिल दोहे का अर्थ था कि आग से जला घाव तो भर सकता है, लेकिन जबान से दिया गया जख्म कभी नहीं भरता। इसके जवाब में लड़की ने तिरुकुरल का आभार व्यक्त करने वाला एक दोहा सुनाया। संघ के एक वरिष्ठ नेता ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो जारी किया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इससे पहले भागवत ने तमिल परंपरा के अनुरूप धोती धारण करके अपने माथे पर कुमकुम लगवाया। उन्होंने पोनियममानेंदु स्थित श्री कदुंबड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की और पोंगल के सामुदायिक उत्सव में शामिल हुए।

तमिलों के लिए पोंगल सबसे बड़ा त्योहार है। तमिल कैलेंडर में सबसे पावन महीने थाई में विवाह और नए कारोबार की शुरुआत आदि बड़े आयोजनों को किया जाता है। इसीलिए इसकी शुरुआत पर पोंगल त्योहार मनाया जाता है।


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