आज अरब सागर में होगा भारी सैन्य जमावड़ा
समंदर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले सैन्य समारोह में शिरकत के बीच नौसेना ने अरब सागर की हर लहर की निहगबानी का इंतजाम किया है। युद्धपोत निगरानी विमान और सेटेलाइट से नजर रखने के साथ ही शनिवार को भारी सैन्य जमावड़ा भी अरब सागर में होगा।
नौसेना बेस हंसा गोवा, [प्रणय उपाध्याय]। समंदर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले सैन्य समारोह में शिरकत के बीच नौसेना ने अरब सागर की हर लहर की निगहबानी का इंतजाम किया है। युद्धपोत निगरानी विमान और सेटेलाइट से नजर रखने के साथ ही शनिवार को भारी सैन्य जमावड़ा भी अरब सागर में होगा।
नौसेना सूत्रों के मुताबिक आइएनएस विक्रमादित्य देश को समर्पित करने आ रहे प्रधानमंत्री मोदी लगभग पूरे दिन गोवा में होंगे। वह अरब सागर में मौजूद युद्धपोत पर भी चार घंटे का वक्त समंदर के बीच बिताएंगे। ऐसे में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नौसेना की पश्चिमी कमान ने युद्धपोत और निगरानी विमानों का पूरा अमला उतारा है।
इसके लिए गोवा के इर्द-गिर्द युद्धपोतों को तैनात किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, आइएनएस हंसा से सटे नागरिक हवाई अड्डे पर भी उड़ानों की मुकम्मल निगरानी की जा रही है। खासतौर पर अरब सागर में खड़े विक्रमादित्य और उसके आसपास बड़े दायरे में आसमान को नो फ्लाई जोन भी कर दिया गया है। महत्वपूर्ण है कि विमानवाहक पोत विक्रमादित्य के पास किसी हवाई हमले से निपटने के लिए अपना कोई एअर डिफेंस सिस्टम नहीं है। लिहाजा युद्धपोत के साथ तैनात किए जा रहे अन्य जंगी जहाजों को हिफाजत के सभी इंतजामों से लैस किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक अमेरिका से हासिल अति उन्नत पी-8आइ और पुराने भरोसेमंद टीयू-142एम जैसे निगरानी विमान नियमित अंतराल से उड़ान भर रहे हैं। इसके अलावा गोवा बंदरगाह से हो रही जहाजों की आवाजाही पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। पूरे इलाके को आइसोलेशन जोन में तब्दील कर दिया गया है।
खासी सतर्कता बरत रही नौसेना ने जल-थल-आकाश से किसी भी पारंपरिक व गैर पारंपरिक खतरे से निबटने के लिए भी इंतजाम किए हैं। इसमें नाभिकीय और जैविक हमले जैसे खतरे भी शामिल हैं। गौरतलब है कि 26 मई को शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार किसी सैन्य कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। 14 जून को प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली से बाहर भी उनका पहला कार्यक्रम है।