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पशुओं की बिक्री से जुड़ी अधिसूचना में बदलाव करने की तैयारी में केंद्र

जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। उधर, पेटा ने इसे पशुओं के लिए काला दिवस करार दिया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Thu, 30 Nov 2017 09:40 PM (IST)Updated: Thu, 30 Nov 2017 09:40 PM (IST)
पशुओं की बिक्री से जुड़ी अधिसूचना में बदलाव करने की तैयारी में केंद्र
पशुओं की बिक्री से जुड़ी अधिसूचना में बदलाव करने की तैयारी में केंद्र

नई दिल्ली, प्रेट्र: पशुओं की बिक्री से जुड़ी अधिसूचना में केंद्र बदलाव करने पर विचार कर रहा है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि नियमों में इस तरह से तब्दीली होगी, जिससे किसी को इन्हें स्वीकार करने में परेशानी न हो।

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गौरतलब है कि पर्यावरण मंत्रालय ने मई में पशु क्रूरता निषेध एक्ट में संशोधन करके कड़े प्रावधान लागू किए थे। केंद्र ने खुले बाजार में वध के लिए लाए जाने वाले पशुओं की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। इससे मीट व खालों की बिक्री के कारोबार पर असर पड़ने की आशंका थी। पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कुछ समय पहले कहा भी था कि वैकल्पिक रास्ते तलाश किए जा रहे हैं, जिससे सर्वमान्य हल निकाला जा सके। उनका कहना था कि सरकार पशु बाजारों को नियमित करने के साथ उनकी बिक्री को नियंत्रित करना चाहती है। प्रावधान उन पशुओं पर लागू होंगे जो किसी मामले में जब्त होने के बाद पशुधन बाजार में लाए जाते हैं। उनका कहना था कि सरकार किसी के खाने की आदतों में बदलाव करने की इच्छुक नहीं है और न ही इस कारोबार को नुकसान पहुंचाना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि इससे जुड़ी फाइल कानून मंत्रालय के पास भेजी जा चुकी है।

गौरतलब है कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। उधर, पेटा ने इसे पशुओं के लिए काला दिवस करार दिया है। संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनीलाल वल्लीयेट का कहना है कि ट्रांसपोर्टर व अन्य लोग उन पशुओं को खाना पानी तक देना बंद कर देते हैं जो वध के लिए बाजार में ले जाए जाते हैं। वाहनों में भी उन्हें ठूंस-ठूंस कर भरा जाता है। उनका कहना है कि अगर पशुओं को सीधे कसाई घर भेजा जाए तो कम से कम उन्हें कुछ हद तक परेशानी से तो बचाया जा सकता है।

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