Modi Govt 9 Year: गांवों में स्वच्छता और पेयजल की बदली तस्वीर, जलशक्ति मंत्रालय ने गिनाई उपलब्धियां
2004 से 2014 के बीच ग्रामीण आबादी के लिए स्वच्छता की पहली जरूरत यानी शौचालय का कवरेज केवल 39 प्रतिशत था 2014 में मोदी सरकार के कामकाज संभालने के बाद से अब तक सौ प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित कर दिया गया है।
नई दिल्ली, मनीष तिवारी। नौ साल के शासन की अपनी उपलब्धियों का उत्सव मनाते हुए केंद्र सरकार अपने कई महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और पेयजल की आपूर्ति के लिए किए गए उल्लेखनीय प्रयासों का उल्लेख अवश्य करेगी। स्वच्छता, विशेष रूप से गांवों में शौचालयों के निर्माण के लिए पिछले नौ साल में हुए काम ने सभी का ध्यान खींचा है। इसी क्रम में जलशक्ति मंत्रालय ने 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के समय हुए कामों से तुलना करते हुए 2014 से अब तक शौचालयों के निर्माण और टैप वाटर कनेक्शन देने में मिली कामयाबी को रेखांकित किया है।
अधिकारी ने कहा- फर्क बिल्कुल साफ है
मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, फर्क बिल्कुल साफ है, आंकड़ों के साथ ही जमीन पर भी यह नजर आता है। खास बात यह है कि हमारी पहल से सभी राज्य जुड़े हैं। 2004 से 2014 के बीच ग्रामीण आबादी के लिए स्वच्छता की पहली जरूरत यानी शौचालय का कवरेज केवल 39 प्रतिशत था, 2014 में मोदी सरकार के कामकाज संभालने के बाद से अब तक सौ प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित कर दिया गया है। जब मोदी सरकार बनी थी तब केवल 8.92 करोड़ घरों में शौचालय थे। इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि न केवल कवरेज 40 प्रतिशत से कम था, बल्कि शौचालयों की जियो टैगिंग की भी कोई प्रणाली नहीं थी। इतना ही नहीं, लाभार्थियों का कोई विवरण भी उपलब्ध नहीं था।
2014 के बाद से 11.19 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और सभी की न केवल जियो टैगिंग की गई है, बल्कि इस संख्या की अन्य स्त्रोतों से भी पुष्टि की गई है। 2019 में ही देश पूरी तरह ओडीएफ यानी खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। इसी तरह 2014 के पहले टैप वाटर कनेक्शनों की संख्या महज 2.19 करोड़ थी, लेकिन अब यह आंकड़ा 9.88 करोड़ तक पहुंच चुका है, जिसमें केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन का सबसे बड़ा योगदान है।
अधिकारी के अनुसार 15 अगस्त 2019 को घोषित किए गए जल जीवन मिशन पर सही तरह काम कोरोना महामारी के कारण सितंबर 2021 के बाद ही शुरू हो सका है।