नशा मुक्ति के खिलाफ मोदी सरकार ने छेड़ी चौतरफा जंग, घर के साथ जेलों में भी अभियान
नशे में लिप्त लोगों की पहचान में जुटी सरकार ने प्रारम्भिक दिक्कतों को देखते हुए इनमें लिप्त लोगों की शिनाख्त कराने वालों को ईनाम देने की पहल की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नशा मुक्ति के खिलाफ ने सरकार ने अब चौतरफा जंग छेड़ी है। घर-घर से नशेड़ियों की पहचान के साथ सरकार ने जेलों में बंद कैदियों को भी अपनी इस मुहिम में शामिल किया है। इसके तहत देश भर की सभी जेलों में इसके खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इसे लेकर सभी राज्यों से जेलों में अनिवार्य रूप से नशा मुक्ति उपचार केंद्र खोलने और इनमें लिप्त लोगों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं।
नशा मुक्ति के इस अभियान में मंत्रालय ने राज्यों को जरूरी मदद का भी भरोसा दिया। सभी राज्यों से इस संबंध में प्रस्ताव भी मांगे है। एक सर्वे के दौरान काफी संख्या में ऐसे लोग सामने आए, जिन्हें नशे की लत जेल से लगी। इसके बाद मंत्रालय ने अपनी योजना में जेलों को भी शामिल किया। इसके लिए दो सौ करोड़ के बजट को भी केंद्र ने मंजूरी दी है।
पहचान कराओ, इनाम पाओ
नशे में लिप्त लोगों की पहचान में जुटी सरकार ने प्रारम्भिक दिक्कतों को देखते हुए इनमें लिप्त लोगों की शिनाख्त कराने वालों को ईनाम देने की पहल की है। इसके तहत ऐसे लोगों को अधिकतम सौ रुपए तक की कीमत का सामान दिया जाएगा। यदि वह एक से अधिक लोगों की पहचान बताएगा, तो उसकी ईनाम की राशि उसी अनुपात में बढ़ जाएगी। अभी लोग सर्वे के दौरान ऐसे लोगों की मदद से कतरा रहे है।