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शहरों को संवारने की योजना, मोदी सरकार 2022 तक देगी सबको पक्का मकान

देश के शहरी क्षेत्रों में 34 फीसद तक स्लम का प्रसार है। इससे निपटने के लिए मकान की सख्त जरूरत है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 09:47 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 12:32 AM (IST)
शहरों को संवारने की योजना, मोदी सरकार 2022 तक देगी सबको पक्का मकान

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शहरी क्षेत्रों में आवास की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने कई उपाय किये हैं। इनमें सबसे ज्यादा जोर शहरी गरीबों को मकान मुहैया कराने पर है। वर्ष 2022 तक सबको पक्का मकान देकर शहरों को संवारने की योजना है। इसी के तहत शहरी विकास मंत्रालय में 37वीं केंद्रीय मंजूरी व निगरानी समिति की बैठक में आठ राज्यों के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के लिए लगभग सवा लाख आवास के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। देश के शहरी क्षेत्रों में फिलहाल दो करोड़ मकान की जरूरत है। इसके अभाव में शहरी स्लम की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। शहरों की सूरत संवारने के लिए स्लम हटाना होगा, जिसके लिए पक्के मकान बनाने की जरूरत है।

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आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक देश के शहरी क्षेत्रों में 34 फीसद तक स्लम का प्रसार है। इससे निपटने के लिए मकान की सख्त जरूरत है। लेकिन मकानों की लागत में वृद्धि होने से कीमतें बहुत अधिक हैं, जिससे गरीबों के लिए मकान बनाना आसान नहीं है।मकान की इन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र की राजग सरकार ने वर्ष 2022 तक सबके सिर पर छत मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सरकार की ओर से पर्याप्त वित्तीय मदद मुहैया कराई जा रही है।

समिति ने आंध्र प्रदेश के लिए 38 हजार, हरियाणा के लिए 20 हजार, मध्य प्रदेश के लिे 18 हजार, महाराष्ट्र के लिए 12 हजार और छत्तीसगढ़ के लिए 11 हजार सरकार आवास बनाने को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत अब तक इस समिति ने 55 हजार से अधिक आवास बनाने के राज्यों के मसौदे को हरी झंडी दी है।

इस योजना से अलग भी सरकार ने शहरी क्षेत्रों में मकान की मांग को पूरा करने के लिए कई योजनाएं संचालित की हैं। इसमें आवासीय ऋण के ब्याज पर सरकार सब्सिडी देकर रियायत देती है। सरकार का लक्ष्य 2022 तक हर शहरी को मकान मुहैया करा देना है।


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